Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न मामले में महिला पहलवानों की शिकायत पर भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Brijbhushan Sharan Singh) की मुश्किलें बढ़ने वाली है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी सांसद के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. केस दर्ज होने के बाद डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों पर पॉक्सो अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज की गई है. वहीं दूसरी केस में अन्य वयस्क शिकायतकर्ताओं द्वारा दी गई शिकायतों की व्यापक जांच करने के लिए शीलभंग से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है. जो इस मामले में जल्द ही जांच ही जांच शुरू कर दी जाएगी.
वहीं इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज करेगी. दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया, हमने एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है, हम इसे आज दर्ज करेंगे. महिला पहलवानों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, हम दो आधारों पर चिंतित हैं- नंबर एक-सुरक्षा और दूसरा- उनके खिलाफ 40 मामले हैं। मैं आपको सूची दूंगा. यह भी पढ़े: Wrestler Protest: पहलवानों को ममता बनर्जी का समर्थन, कहा- दोषी किसी भी दल से भले ही जुड़े हों, कार्रवाई होनी चाहिए
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2 FIRs registered in Connaught Place PS over the complaints by female wrestlers against WFI chief Brij Brijbhushan Sharan Singh: Pranav Tayal, DCP
— ANI (@ANI) April 28, 2023
पहलवानों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने कई बार दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे. याचिका में कहा गया है कि देश को गौरवान्वित करने वाली महिला एथलीट यौन उत्पीड़न का सामना कर रही हैं और जिस समर्थन की वे हकदार हैं उसे पाने के बजाय उन्हें न्याय पाने के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी व्यक्ति एक प्रभावशाली व्यक्ति है और न्याय से बचने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है और कानूनी व्यवस्था में और हेरफेर कर रहा है। न्याय में बाधा डाल रहा है.