Video: आज भारतीय वायुसेना में शामिल होगा दुनिया का एकमात्र स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, कई बड़े ऑपरेशन के लिए होगा उपयोगी, दुश्मन में भर जाएगी कपकपी
भारतीय सेना (Photo Credits ANI)

भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार नई उचाइयों को छू रहा है. आत्मनिर्भर अभियान रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की क्रांति को तेजी से आगे बढ़ाने के साथ-साथ बेहतरीन परिणाम देने में सफल रहा है. इसी क्रम में सुरक्षाबलों को स्वदेशी तकनीक से निर्मित उपकरण और हथियार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में एक और बड़ा आयाम जुड़ गया है. स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को गुरुवार को भारतीय सेना में शामिल किया गया. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने पहला एलसीएच औपचारिक रूप से सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंप दिया. यह हेलीकॉप्टर अत्यधिक युद्धाभ्यास के साथ-साथ युद्धक क्षमता में काफी इजाफा करेगा.

HAL ने भारतीय सेना को सौंपा हेलीकॉप्टर

सेना की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि एचएएल ने देश में निर्मित स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को सौंप दिया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने पहले स्वदेशी एलसीएच के कागजात औपचारिक रूप से सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंपे. हालांकि सेना इसकी तैनाती कहां तैनात करेगी, इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है. सेना 95 एलसीएच और खरीदेगी, जिनकी सात यूनिट्स अलग-अलग पहाड़ी इलाकों पर बनाई जाएगी.

दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर

एलसीएच दो लोग बैठने की क्षमता वाला दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है. यह हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकता है. यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम गन, 70 एमएम रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, एयर टू ग्राउंड और एयर टू एयर लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है. एलसीएच दो इंजन वाला 5-8 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. यह 51.10 फीट लंबा और 15.5 फीट ऊंचा है, जिसका पूरे साजो-सामान के साथ इसका वजन 5800 किलो रहता है. यह 700 किलोग्राम वजन के हथियार लेकर अधिकतम 268 किमी. प्रतिघंटा की गति से उड़ सकता है. इसकी रेंज 550 किलोमीटर है और एक बार में यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है और अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.

कई उन्नत तकनीकों से लैस

एलसीएच में लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और साइलेंट फीचर को शामिल किया गया है. इसे दुश्मन की वायु रक्षा, काउंटर अटैक, खोज और बचाव, टैंक विरोधी, काउंटर सर्फेस फोर्स ऑपरेशंस इत्यादि जैसी भूमिकाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. पीएम मोदी ने पिछले साल 19 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय रक्षा समर्पण पर्व’ के मौके पर भारतीय वायु सेना के प्रमुख वीआर चौधरी को हल्के वजन वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर का मॉडल सौंपा था. यह भी पढ़ें :Maharashtra: सीएम एकनाथ शिंदे को धमकी देने वाला गिरफ्तार, मामाला बेहद गंभीर: डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस

विभिन्न ऑपरेशन के लिए उपयोगी

ये हेलीकॉप्टर विस्तारित रेंज, आवश्यक दक्षता कौशल, गतिशीलता और ऊंचाई पर भी दिन-रात बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता से लैस हैं. इसके साथ ही सभी तरह के मौसम में खोज, राहत और बचाव अभियान में सक्षम, शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने और आतंकवाद रोधी अभियान में सेना के लिए सहायक साबित होगा. एलसीएच धीमी गति से उड़ने वाले विमान और दूर से आने वाले विमान के खिलाफ कार्रवाई, अत्यधिक ऊंचाई वाले बंकर नष्ट करने वाले ऑपरेशन, जंगल एवं शहरी क्षेत्रों में विद्रोहियों की कार्रवाई का जवाब देने तथा जमीनी सैन्य बलों को सहायता करने में उपयोगी हैं. ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे.

आत्मनिर्भर भारत से मिल रहा रक्षा क्षेत्र को गति

भारत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित तथा निर्मित करने की अपनी क्षमता का लगातार विस्तार कर रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को शामिल कर सेना को मजबूती द जा रही है. एचएएल द्वारा एलसीएच का निर्माण आत्मनिर्भर भारत पहल को और बढ़ावा देगा तथा देश में रक्षा उत्पादन एवं रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण को प्रमुखता देगा. एलसीएच के उत्पादन से देश में लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी. हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पहले से ही आयात प्रतिबंध सूची में हैं. लड़ाकू अभियानों के लिए उन्नत अपनी बहुमुखी विशेषताओं के साथ, एलसीएच में बेहतरीन निर्यात क्षमता है.