Women Getting Pregnant in Jail: पश्चिम बंगाल की सभी जेलों के एमिकस क्यूरी ने कोलकाता हाई कोर्ट में एक गंभीर याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने राज्य के सुधार गृहों में महिला कैदियों के हिरासत के दौरान गर्भवती होने का मुद्दा उठाया है.
यह याचिका मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनानम और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष पेश की गई. याचिका में कहा गया है कि, "मैंने पाया है कि हिरासत में महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं. वर्तमान में विभिन्न जेलों में पहले से ही 196 बच्चे रह रहे हैं. इसलिए, मेरा सुझाव है कि सुधार गृहों के पुरुष कर्मचारियों को महिला कैदियों के बाड़ों में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया जाए."
A plea has been moved in the Calcutta High Court by the amicus curiae of all prisons in West Bengal, flagging instances of female prisoners getting pregnant while in custody in the correctional homes of the state.
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— Live Law (@LiveLawIndia) February 8, 2024
याचिका में आगे बताया गया है कि एमिकस क्यूरी ने हाल ही में जेल महानिदेशक के साथ एक सुधार गृह का दौरा किया था, जहां उन्होंने एक गर्भवती महिला कैदी और 15 अन्य बच्चों को अपनी माताओं के साथ हिरासत में रहते पाया, जो स्वयं भी उस सुधार गृह की कैदी थीं.
याचिका सुनने के बाद खंडपीठ ने माना कि एमिकस क्यूरी ने एक गंभीर मुद्दा उठाया है. अतः, उन्होंने इस मामले को आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली खंडपीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया, ताकि लोक अभियोजक की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके.
यह मामला न केवल मानवाधिकारों से जुड़ा है, बल्कि कैदियों के कल्याण और सुरक्षा की भी गंभीर चिंताएं खड़ी करता है. हाई कोर्ट का आदेश इस मामले की गहन जांच की राह प्रशस्त करता है और उम्मीद है कि जल्द ही इस ज्वलंत समस्या का समाधान निकाला जाएगा.