Onion Prices: देश में क्यों पैदा हुआ प्याज का संकट, पिछले साल से ज्यादा हुआ निर्यात
देश में प्याज का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति का टोटा हो गया है और प्याज घरेलू खपत के मुकाबले आपूर्ति की कमी दूर कर इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए भारत को विदेशों से प्याज मंगाना पड़ रहा है. कारोबारी बताते हैं कि प्याज का आयात होने और स्टॉक लिमिट लगने से कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी है.
नई दिल्ली, 7 नवंबर : देश में प्याज (Onion Price) का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति का टोटा हो गया है और प्याज घरेलू खपत के मुकाबले आपूर्ति की कमी दूर कर इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए भारत को विदेशों से प्याज मंगाना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि देश के प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम बरसात से खेतों में लगी प्याज की फसल खराब होने और आगे लगने वाली फसल में विलंब होने से प्याज के दाम में बीते दिनों भारी इजाफा हुआ. हालांकि, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मानें तो इस साल प्याज का निर्यात ज्यादा होना भी इसकी एक वजह है.
एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने आईएएनएस को बताया कि पिछले साल पूरे साल में करीब 22 से 24 लाख टन प्याज का जितना निर्यात हुआ था, लेकिन इस साल इतना निर्यात अगस्त तक ही हो गया था. उन्होंने बताया कि प्याज के निर्यात पर रोक लगाने से पहले 24 लाख टन निर्यात हो गया था. केंद्रीय मंत्री कहा कि मौसम विज्ञान विभाग के पूवार्नुमान में अक्टूबर में बारिश होने की संभावना जताई गइ थी, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने समय से पहले प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी.
केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 23 अक्टूबर को थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई, जिसके अनुसार, खुदरा कारोबारी अधिकतम दो टन और थोक व्यापारी अधिकतम 25 टन प्याज का स्टॉक कर सकता है. सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई है. इसके अलावा, नैफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से भी प्याज बाजारों में उतारे गए हैं. नैफेड ने बीते सीजन में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया था. हालांकि बताया, जाता है कि इसमें से कुछ प्याज खराब हो गया.
कारोबारी बताते हैं कि स्टॉक में रखा प्याज खराब होने से भी देश में हर साल सितंबर-अक्टूबर में आपूर्ति की कमी पैदा होती है. हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि प्याज का निर्यात बमुश्किल से 10 से 15 फीसदी होता है जबकि 20 से 25 फीसदी प्याज सड़ जाता है. उन्होंने कहा कि देश में भंडारण की ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है जिससे ज्यादा समय तक प्याज का भंडारण किया जा सके.
देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को प्याज का खुदरा भाव 60 रुपये 70 रुपये प्रति किलो था. प्याज का भाव बीते कुछ दिनों से स्थिर है. कारोबारी बताते हैं कि प्याज का आयात होने और स्टॉक लिमिट लगने से कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी है.