तिरुवनंतपुरम: देश में फिर से कोरोना (COVID-19) मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. कोरोना के नए मरीजों के आंकड़े 46 हजार में से 31 हजार यानी कोरोना मरीज सिर्फ केरल (Kerala) के हैं. इन बढ़ते आंकड़ों के सामने आने के बाद केरल की पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) सरकार ने एक बार फिर से प्रदेश में लॉकडाउन की सख्ती जारी करने के निर्देश दिए हैं. अभी फिलहाल लॉकडाउन रविवार को ही लगाया जाएगा, जिसे कुछ हफ्ते पहले ही सरकार ने हटा दिया था. Delhi: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की क्या है तैयारी? स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया.
सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया कि रविवार को लॉकडाउन जारी रहेगा और केवल कुछ गतिविधियों की ही अनुमति होगी. केरल में शुक्रवार को COVID-19 के 32,801 नए मामले सामने आए और 179 और मरीजों की मौत हुई. इससे पहले गुरुवार को 30,007 नए मामले सामने आए थे. राज्य में कोरोना के 1,95,254 सक्रिय मरीज हैं.
केरल में क्यों फैल रहा कोरोना?
ओणम में कोरोना नियमों की अनदेखी
केरल में COVID-19 के प्रसार का मुख्य कारण ओणम उत्सव को माना गया है. उत्सव के दौरान राज्य के लोगों ने कोरोना नियमों का उल्लंघन किया और बड़ी संख्या में भीड़ जुटी. बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि ओणम त्योहार के बाद राज्य में जांच के मामलों में संक्रमण दर 20 प्रतिशत से अधिक हो सकती है और संक्रमण के मामले भी बढ़ेंगे.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना के मामलों में आया यह उछाल अभी जारी रह सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पाइक अक्टूबर तक जारी रह सकता है. पिछले साल ओणम के बाद राज्य में अक्टूबर में सबसे अधिक मामले सामने आए थे. इस साल भी यह स्थिति संभव है. त्योहारों के लिए मिली छूट के अलावा अन्य कई कारण इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.
क्वारंटाइन नियमों का हुआ उल्लंघन
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज द्वारा बताई गई एक और वजह घर पर ठीक हो रहे लोगों द्वारा क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन है. मंत्री ने कहा कि हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि राज्य में 35 फीसदी लोग घर से ही इस बीमारी से संक्रमित हुए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केरल में कोविड-19 मामलों में वृद्धि का यह सिलसिला कुछ और दिनों तक जारी रहने की संभावना है.
केरल से सबक लें अन्य राज्य
केरल की स्थिति एक बार फिर खराब हो गई है. ऐसे में अन्य राज्यों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. त्योहारों का जन्माष्टमी, दही हांडी, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों का सीजन है, कोई भी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है.