वाशिंगटन: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई खूनी झड़प से बिगड़े हालात पर अमेरिका नजर बनाए हुए है. हालांकि अमेरिका ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश नहीं की है. पीएम मोदी ने चीन को दिया कड़ा संदेश- भारत की एक एक इंच जमीन की होगी रक्षा, उकसाया तो देंगे माकूल जवाब
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयलेग मैकएनी (Kayleigh McEnany) ने यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करेंगे, कहा कि इसकी अब तक कोई औपचारिक योजना नहीं बनी है. मैकएनी ने कहा की अमेरिका वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना की स्थिति के बारे में जानता हैं और नजर रख रहे हैं. प्रेस सचिव ने आगे कहा “हमने भारतीय सेना के बयान को देखा है कि टकराव के परिणामस्वरूप 20 भारतीय सैनिक मारे गए है. हम उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.”
No formal plans on that: White House Press Secretary Kayleigh McEnany when asked if US President Trump will mediate between India and China (file pic) pic.twitter.com/F5CK6v3gHQ
— ANI (@ANI) June 17, 2020
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि भारत और चीन दोनों ही देशों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई है और अमेरिका वर्तमान हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है. उन्होंने कहा,‘‘ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दो जून 2020 को फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और चीन सीमा के हालात पर चर्चा की थी.’’ एलएसी पर भारत इलाके में चीन की निगरानी चौकी बनाने के कारण हुई झड़प
उल्लेखनीय है कि सोमवार रात को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में एलएसी पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया, जिसमें अधिकारी सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. इस हिसंक झड़प में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए है. हालांकि चीन इस बात को छिपा रहा है.