नई दिल्ली: चंद्रयान-3 की सफलता और आदित्य एल1 के बाद से दुनियाभर की नजर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पर है. अंतरिक्ष की दुनिया में भारत लगातार कामयाबी की सीढ़ी चढ़ रहा है. इसी कड़ी में भारत अब अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाने वाला है. इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने शुक्रवार को कहा कि भारत अगले 20 से 25 वर्षों में अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है. इसरो चीफ ने चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "हमारा गगनयान कार्यक्रम अंतरिक्ष में मानव उड़ान क्षमता की ओर है और एक बार ऐसा होने पर, हम बाद के मॉड्यूल में अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण को देख पाएंगे." Aditya-L1 ने खींची पृथ्वी और चंद्रमा की शानदार तस्वीरें, अंतरिक्ष से देखें धरती का अद्भुत नजारा.
इसरो चीफ ने कहा, इस अंतरिक्ष स्टेशन परियोजना की समयसीमा अगले 20 से 25 साल तक है. अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भारत की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथ ने कहा, "हमारी अंतरिक्ष एजेंसी भविष्य के मिशनों के लिए विभिन्न संभावनाएं तलाश रही है. जिसमें एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और लंबी अवधि की मानव अंतरिक्ष उड़ान शामिल है."
ISRO चीफ ने कहा, 'चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम देख रहे हैं कि अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यस्था के लिए कैसे फायदेमंद बन सकता है. हम इस पहलू पर चर्चा कर रहे हैं.'
23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो ने लैग्रेंज पॉइंट (L1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने के लिए अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल1 भी लॉन्च किया. ISRO अब गगनयान मिशन पर काम कर रही है, जिसका उदेश्य मानव के रहने योग्य अंतरिक्ष कैप्सूल विकसित करना है. तीन सदस्यीय दल को तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा. इसरो प्रमुख ने बताया कि गगनयान के बाद, अगला तार्किक कदम एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना और फिर चंद्रमा पर एक मानवयुक्त मिशन भेजना है.