COVID-19: दिल्ली-मुंबई ने देख लिया कोरोना का पीक, जानें देश के अन्य हिस्सों में कब आएगा संक्रमण का ग्राफ नीचे
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों में कमी आने के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या तीसरी लहर का पीक जा चुका है? दिल्ली, मुंबई में कोरोना के मामलों में कमी आने के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संक्रमण की गति धीमी पड़ रही है? इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में अभी कोरोना का पीक आना बाकी है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में तीसरी लहर का पीक जा चुका है लेकिन देश के अन्य शहरों और राज्यों में पीक आना अभी बाकी है. COVID-19: पिछले सप्ताह दिल्ली में हुई सबसे अधिक 203 मौतें, इन राज्यों के आंकड़े में भी आया बड़ा उछाल.

IIT कानपुर के प्रोफेसर डॉ मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि COVID-19 की तीसरी लहर IIT के सूत्र मॉडल की भविष्यवाणी के अनुसार दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में अपने चरम पर पहुंच गई है. उन्होंने आगे कहा कि इस सप्ताह महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में COVID-19 अपने पीक पर होगा.

इससे पहले न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक बातचीत में अग्रवाल ने भविष्यवाणी की थी कि जनवरी के अंत तक COVID-19 की तीसरी लहर चरम पर होगी. डॉ मनिंद्र अग्रवाल ने अब कहा है कि महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में इस सप्ताह कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होगी.

महाराष्ट्र गुजरात में जल्द आएगा पीक 

डॉ मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि "महाराष्ट्र में, इस महीने की 19 तारीख को कोरोना मामलों के पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. गुजरात के लिए भी 19 तारीख को तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. वहीं हरियाणा के लिए कोरोना के मामलों के 20 तारीख को पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है."

उन्होंने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में अगले सप्ताह तीसरी लहर पीक पर दिखाई देगी. "कर्नाटक में कोरोना की तीसरी लहर 23 तारीख को चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. तमिलनाडु में 25 जनवरी को तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. आंध्र प्रदेश में 30 जनवरी को तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने का अनुमान है.

असम में 26 जनवरी को तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. नए आंकलनों की मानें, तो देश में कोरोना के मामलों का पीक अब आगामी 23 जनवरी को आ सकता है. कहा जा रहा है कि इस दौरान देश में 7 लाख से अधिक मामले आने की संभावना है.