जमशेदपुर, 30 सितंबर: अपने घर के सामने की सड़क से जुड़ी समस्या का समाधान न होने से नाराज पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला निवासी शौर्य चक्र विजेता रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर मो. जावेद ने अपना शौर्य चक्र मेडल वापस कर दिया है. उन्होंने घाटशिला के एसडीएम के टेबल पर अपना शौर्य चक्र रख दिया और अपने घर लौट गए. मो. जावेद एयरफोर्स में वारंट ऑफिसर थे. उन्हें एयरफोर्स में रहते हुए बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने घाटशिला के नवाब कोठी इलाके में मकान बनाया है. उनका कहना है कि उनके घर के पास स्थित एक घर को उनके ही समुदाय के कुछ लोगों ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया और इसका मुख्य गेट उनके घर की तरफ जबरन खोल दिया. इस वजह से उनके घर के सामने दिन भर गाड़ियों का तांता लगा रहता है. उनके घर की तरफ मस्जिद का गेट खोले जाने से उनका निजी एवं पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. यह भी पढ़े: हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी
मो. जावेद का कहना है कि उन्होंने इसे लेकर कई बार अनुमंडल पदाधिकारी से शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने की बजाय दूसरे पक्ष की मदद करते रहे. प्रशासन की इसी बेरुखी से तंग आकर उन्होंने अपना शौर्य चक्र अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक को वापस कर दिया। हालांकि, अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक का कहना है कि मो. जावेद के घर के सामने सार्वजनिक सड़क है। वे इसे बंद करवाना चाहते हैं. यह संभव नहीं है.
अनुमंडल पदाधिकारी के मुताबिक उन्होंने मो. जावेद से कहा कि वे अपनी मांग के बारे में लिखित रूप से जानकारी दें. इसे वरीय अफसरों तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन वह अपना शौर्य चक्र लौटाने पर अड़ गए. एसडीएम ने शौर्य चक्र वापस लेने में असमर्थता जताई तो वे इसे टेबल पर रखकर चले गए. बाद में अनुमंडल पदाधिकारी ने शौर्य चक्र वापस लेने का आग्रह पत्र लेकर कार्यालय कर्मी को मो. जावेद के घर भेजा, पर उनकी पत्नी ने लेने से इंकार कर दिया. इसके बाद कार्यालय कर्मी द्वारा पत्र को उनके घर के बाहर चस्पा कर दिया गया.