Farmers Protest: सरकार के साथ बैठक में होठों पर अंगुली रख आधे घंटे मौन रहे किसान, जानें 5 घंटे मीटिंग में क्या-क्या हुआ?

सरकार के साथ बैठक में होठों पर अंगुली रख आधे घंटे मौन रहे किसान

किसान आंदोलन (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: विज्ञान भवन में शनिवार को किसान नेताओं (Farmers Union) के साथ मोदी सरकार के तीन मंत्रियों की हुई पांचवें राउंड की मीटिंग पहले से अलग रही। इस बार गरमागरम माहौल में बैठक हुई. मोदी सरकार (Modi Govt)  के तीनों मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश का मिजाज भले ही नरम रहा हो, लेकिन किसान नेता मांगों को लेकर मुखर रहे. यहां तक कि बात न बनने पर किसान नेताओं ने विज्ञान भवन से बाहर जाने की बात कह दी.किसान नेताओं की बायकाट की चेतावनी पर मीटिंग बाधित हुई.पूरे पांच घंटे चली मीटिंग में कई मौके ऐसे आए, जब बातचीत पटरी से उतरती दिखी. हालांकि, मंत्रियों ने मामले को संभाल लिया.

विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से पांचवें राउंड की बैठक शुरू हुई। करीब ढाई घंटे बाद लंच ब्रेक हुआ। किसानों ने फिर से सरकारी खाना ठुकराते हुए अपना खाना मंगाकर फर्श पर बैठकर खाया. लंच के बाद जब फिर से दूसरे दौर की बैठक शुरू हुई तो किसानों ने यस-नो का प्लेकार्ड लहराना शुरू कर दिया। किसान नेताओं ने मंत्रियों से कहा, "सरकार कानून वापस लेगी या नहीं, यस या नो में जवाब दीजिए।" जब मंत्रियों ने स्पष्ट कुछ भी कहने से इनकार कर दिया तो सभी 40 किसान नेता, होठों पर अंगुली रखकर मौन हो गए.आधे घंटे तक किसान नेताओं ने एक शब्द नहीं बोला और सिर्फ यस-नो में जवाब मांगने वाले प्ले कार्ड मीटिंग में लहराते दिखे. इससे परेशान हुए तीनों मंत्रियों ने किसानों को समझाते हुए कहा, "बिना वार्ता के कैसे गतिरोध दूर हो सकता है? आप लोग बातचीत में सहयोग करें, जिससे कोई हल निकल सके. यह भी पढ़े: Farmers Protest: पटना के गांधी मैदान में बिना इजाजत किसानों के समर्थन में RJD का प्रदर्शन, तेजस्वी यादव समेत 19 नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज

इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बार-बार बैठकों की तारीख देकर मामले को टाल रही है। तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग मानने की जगह सरकार टालमटोल कर रही है। अगर बैठक में स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलता तो फिर सभी किसान नेता बायकाट कर देंगे। इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैठक के बहिष्कार से कोई हल नहीं निकलने वाला है। जो कुछ गलतफहमियां रह गई हैं, उन्हें नौ दिसंबर की बैठक में चर्चा कर सुलझाने की कोशिश होगी। मंत्रियों ने आठ दिसंबर को भारत बंद की अपील वापस लेने की अपील की, लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट मना कर दिया.उनका कहना था कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी, आंदोलन जारी रहेगा.

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