SC on NCP Symbol Controversy: जब चुनाव आते हैं तो उनकी जरूरत होती है... घड़ी के चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट की लगाई क्लास

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को NCP चुनाव चिह्न विवाद पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट से शरद पवार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया है.

Ajit Pawar, Sharad Pawar | PTI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को NCP चुनाव चिह्न विवाद पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट से शरद पवार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने अजित पवार गुट को शरद पवार की तस्वीर और घड़ी के प्रतीक का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया. जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि गुट की एक स्वतंत्र पहचान है, इसलिए उसे केवल उसी के साथ आगे बढ़ना चाहिए और शरद पवार के प्रतीक और पहचान का उपयोग नहीं करना चाहिए. क्या विदेश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं? अमित शाह का विदेशी मीडिया से सवाल.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा, "जब चुनाव आता है तो आपको उनके नाम की आवश्यकता होती है और जब चुनाव नहीं होते हैं तो आपको उनकी आवश्यकता नहीं होती है. अब क्यों कि आपकी एक स्वतंत्र पहचान है, इसलिए आपको उसी के साथ आगे बढ़ना चाहिए."

कोर्ट ने अजित पवार से कहा कि वह किसी भी भ्रम से बचने के लिए दूसरा चुनाव चिह्न लेने पर विचार करें. इसमें आगे कहा गया है कि चुनाव आयोग का आदेश अंतिम नहीं है. अब इस मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होगी.

शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अजित पवार की एनसीपी घड़ी के निशान और शरद पवार के चेहरे का उपयोग करके लोगों को गुमराह कर रही है. सिंघवी ने कहा, "आप घड़ी और शरद पवार की तस्वीर का उपयोग कैसे कर सकते हैं? यह धोखा है. आपके अपने नेता कहते हैं कि इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में उनके लाभ के लिए किया जाएगा."

शरद पवार गुट ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि अजित पवार गुट राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है. कोर्ट ने अजित पवार गुट से शरद पवार की याचिका पर शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख निर्धारित की. पीठ ने कहा, ‘‘ हमें स्पष्ट, बिना शर्त आश्वासन चाहिए कि शरद पवार के नाम, तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.’’

Share Now

\