Rahul Gandhi Manipur Visit: मणिपुर जो हो रहा है, ऐसा भारत में कहीं नहीं देखा; हिंसा पीड़ितों से मिलने के बाद बोले राहुल गांधी- VIDEO
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज मणिपुर दौरे पर हैं. यहां उन्होंने जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यहां शांति वापस लाने के लिए जो भी कर सकती है, करने को तैयार है.
Rahul Gandhi Manipur Visit: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज मणिपुर दौरे पर हैं. यहां उन्होंने जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यहां शांति वापस लाने के लिए जो भी कर सकती है, करने को तैयार है. हमने राज्यपाल से बातचीत की और राज्य के हालात पर अपनी नाराजगी भी जताई. मैं इस मुद्दे का और अधिक राजनीतिकरण नहीं करना चाहता हूं.
''मैं समझता हूं कि पूरा मणिपुर दर्द से पीड़ित है और उसे जल्द से जल्द इससे बाहर निकलने की जरूरत है. मैं सभी से शांति के बारे में सोचने और भाईचारे के बारे में सोचने का अनुरोध करना चाहूंगा. क्योंकि हिंसा और नफरत से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है.''
मणिपुर में जो हो रहा है, ऐसा भारत में कहीं नहीं देखा: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि हम अगर यहां के शांति के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं, तो यह मणिपुर के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा. कांग्रेस पार्टी और मैं मणिपुर के लिए हमेश उपलब्ध हैं. आप जब भी चाहें मैं यहां आ सकता हूं. मुझे यहां आकर खुशी होगी. मैं विपक्ष के नेता के रूप में आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा. भारत सरकार और हर कोई जो खुद को देशभक्त मानता है, उसे यहां शांति लाने के बारे में प्रयास करना चाहिए. उन्हें मणिपुर आकर यहां के लोगों को गले लगाना चाहिए, ताकी राज्य में शांति आ सके. मणिपुर में समस्या शुरू होने के बाद से मैं तीसरी बार यहां आया हूं.
''मैं यह देखकर निराश हूं कि यहां कि स्थिति अभी भी पहले जैसी ही है. मैंने शिविरों का दौरा किया और वहां के लोगों की बातें सुनीं, उनका दर्द सुना. मैं उनकी बातें सुनने, उनमें आत्मविश्वास भरने और विपक्ष में होने के नाते सरकार पर दबाव बनाने के लिए यहां आया हूं, ताकि वह कार्रवाई करें. यहां, समय की मांग शांति है. हिंसा से हर कोई आहत है. हजारों परिवारों को नुकसान पहुंचाया गया है, संपत्ति नष्ट की गई है और परिवार के सदस्यों को मार दिया गया है. मैंने भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा जो यहां चल रहा है. राज्य पूरी तरह से दो हिस्सों में बंट गया है और यह सभी के लिए एक त्रासदी है. मैं मणिपुर के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं. मैं यहां आपकी मदद करने के लिए आया हूं, जो मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता है.''