West Bengal Panchayat Elections: बंगाल पंचायत चुनावों में क्यूआर कोड वाली मतपेटियों का इस्तेमाल किया जाएगा

हालांकि, विपक्षी बीजेपी नेताओं को लगता है कि यह और कुछ नहीं बल्कि आंखों में धूल झोंकने जैसा है. राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा के अनुसार, ये पहल तब तक बेकार होगी जब तक कि विपक्षी दलों को प्रत्येक स्तर की प्रत्येक सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की अनुमति नहीं दी जाती है और लोगों को बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जाती है.

कोलकाता: जहां अब यह तय हो गया है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली (Three Tier Panchayat System) के चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बजाय पेपर मतपत्रों का उपयोग करके कराए जाएंगे, वहीं पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (WBSEC) ने अब चुनाव के लिए विशेष क्यूआर कोड (Special QR Code) वाले मतपेटियों का उपयोग करने का निर्णय लिया है. डब्ल्यूबीएसईसी के सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र (Polling Station) में चार मतपेटियां होंगी, पंचायत समिति स्तर के लिए एक बड़े आकार का डिब्बा, ग्राम पंचायत स्तर के लिए एक मध्यम आकार का डिब्बा और जिला परिषद (Zila Parishad) स्तर के लिए दो छोटे आकार के डिब्बे होंगे.

पोल पैनल के एक अधिकारी ने कहा, जिन्होंने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया- प्रत्येक मतपेटी में एक अद्वितीय क्यूआर कोड होगा जिसमें टियर-वार, बूथ-वार और जिले-वार विवरण होगा, जो चुनाव आयोग के पोर्टल पर भी उपलब्ध होगा. चुनाव आयोग के कार्यालय के पास इस बात की पूरी जानकारी होगी कि किस मतपेटी को किस टियर के लिए और किस बूथ के लिए और किस जिले में आवंटित किया गया है. इससे व्यवस्था पारदर्शी होगी और मतगणना से पहले मतपेटी में बदलाव के आरोपों का समाधान होगा. Amit Shah Video: अमित शाह ने देवघर रैली में CM हेमंत सोरेन पर जमकर बरसे, कहा- झारखंड में देश की सबसे भ्रष्ट सरकार

हालांकि, विपक्षी बीजेपी नेताओं को लगता है कि यह और कुछ नहीं बल्कि आंखों में धूल झोंकने जैसा है. राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा के अनुसार, ये पहल तब तक बेकार होगी जब तक कि विपक्षी दलों को प्रत्येक स्तर की प्रत्येक सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने की अनुमति नहीं दी जाती है और लोगों को बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जाती है.

उन्होंने कहा, इसलिए हम मतदान के दिन और मतगणना के दिन केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे हैं। पिछले पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें चुनाव संबंधी मौतों की कुल संख्या 13 दर्ज की गई थी. मतपेटियों को जलाने, मतदान केंद्रों पर कब्जा करने और बम विस्फोटों की कई खबरें आईं. ग्रामीण निकाय चुनावों में कई पत्रकारों पर भी हमले की कई घटनाएं हुईं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए.

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