कोलकाता: कोरोना (COVID-19) की तीसरी लहर के अलर्ट के बीच देश के कई हिस्सों में बच्चें अन्य बीमारियों के संपर्क में आ रहे हैं. कई राज्यों में डेंगू और वायरल बुखार का कहर है. वहीं, पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 130 बच्चों को तेज बुखार और पेचिश की शिकायत के बाद जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो बच्चों की कोविड-19 जांच की जाएगी. COVID-19 New Symptoms: कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, तेज सिरदर्द, सुनने में समस्या सहित ये हैं कोविड के नए लक्षण.
अधिकारी ने बताया कि उनमें से दो बच्चों को बाद में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया क्योंकि उनकी हालत बिगड़ गई थी. बड़ी संख्या में बच्चों के बीमार होने के बाद चिंता बढ़ गई है. अधिकारी ने कहा, ''हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अस्पताल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि किसी को भर्ती करने से मना न किया जाए. स्थिति काफी चिंताजनक है.''
अधिकारी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट मौमिता गोदारा बसु ने दिन में अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने स्थिति का जायजा लेने और आगे का रास्ता तलाशने के लिए अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कीं. प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
बच्चों में बुखार और दस्त के मामले तब सामने आए हैं जब विशेषज्ञ इस बात की चेतावनी दे चुके हैं कि COVID-19 महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है. बच्चों में बुखार के मामले कम नहीं हुए तो यह भयावह हो सकता है.
मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का भी खतरा
कई राज्यों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के मामले भी सामने आ रहे हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि MIS बच्चों में कोविड के बाद की कॉप्लेक्शन के रुप में उभर कर सामने आया है. जिनमें बच्चों में कोरोना वायरस से उबरने के तीन-चार सप्ताह बाद बुखार, पेट दर्द, आंख लाल होना और मतली के लक्षण सामने आए थे.
बच्चों में एमआईएस के लक्षण कोविड-19 संक्रमण के चार से छह सप्ताह बाद दिखाई देते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में MIS वयस्कों में कोविड के बाद की जटिलताओं के समान है. यह खतरनाक हो सकता है अगर इसका जल्दी इलाज नहीं किया जाता है.