Weather Update: यूपी-बिहार, मध्य प्रदेश में छाया घना कोहरा; वाराणसी में विजिबिलिटी 25 मीटर दर्ज- पढ़ें आज के मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश में घना कोहरा (Photo Credits: ANI)

लखनऊ: पहाड़ी क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी के कारण उत्तर और मध्य भारत में कड़ाके की ठंड का नया दौर शुरू होने की संभावना है. सोमवार सुबह पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) में बहुत घना कोहरा (Fog) छाया रहा. जबकि चंडीगढ़ (Chandigarh), उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल (West Bengal) और सिक्किम (Sikkim), त्रिपुरा (Tripura) और उत्तर ओडिशा (Odisha) के भी कई हिस्सों में भीषण कोहरा (Dense Fog) पड़ रहा है. कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान गिरा, मौसम में सुधार की उम्मीद

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक राजधानी दिल्ली के सफदरजंग और पालम इलाके में आज सुबह 5:30 बजे विज़िबिलिटी 500 मीटर रिकॉर्ड की गई. वहीं वेस्ट उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली (सफदरजंग से पालम), उत्तर मध्य प्रदेश, असम और मेघालय में अलग-अलग इलाकों में मध्यम कोहरा छाया रहा. कानपुर में आज सुबह घना कोहरा छाए रहने से विज़िबिलिटी कम रही. कानपुर में आज न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहेगा.

वाराणसी, मालदा, बालासोर और पारादीप में आज सुबह घना कोहरा छाए रहने से विज़िबिलिटी बेहद कम हो गई है. मौसम विभाग के मुताबिक इन जगहों पर धुंध की घनी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता घटकर 25 मीटर रह गई और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. घने कोहरे के चलते चंडीगढ़, बहराइच, लखनऊ, सुल्तानपुर, गया, भागलपुर, पूर्णिया और अगरतला में विज़िबिलिटी 50 मीटर दर्ज की गई. कोहरे के चलते दिल्ली के सफदरजंग और पालम में विज़िबिलिटी 500 मीटर हो गई है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के कुफरी, भरमौर, केलोंग और कल्पा में रविवार को बर्फबारी के बाद देश में कड़ाके की ठंड का प्रकोप फिर शुरू हुआ. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तर तथा मध्य भारत में ठंड बढ़ने का अनुमान जताया है. पूर्वी हवा बर्फ से ढंके पश्चिमी हिमालय से आ रहीं उत्तर-पश्चिमी पवनों की भांति ठंडी नहीं होतीं जबकि बादल छाए रहने की वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू-कश्मीर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने से 25 जनवरी से शुष्क उत्तर-पश्चिमी पवनें जोर पकड़ने लगेंगी. अगले तीन-चार दिन तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और इससे लगे मध्य तथा पश्चिमी भारत के हिस्सों में इनका प्रभाव बना रहेगा.