उत्तराखंड: देशभर के श्रद्धालुओं के लिए खुली चारधाम यात्रा, इन नियमों का करना होगा पालन
उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. इससे पहले सिर्फ उत्तराखंड के लोग ही इस यात्रा पर जा सकते थे. दरअसल तेजी से फैलते कोरोना वायरस को रोकने के लिए राज्य की सरकार ने अन्य राज्यों के लोगों के लिए चार धाम की यात्रा को बंद कर दिया था. लेकिन इस दौरान जो भक्त चार धाम की यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आएंगे, उन्हें सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यात्रा पर आने वाले भक्तों के पास 72 घंटे पहले की कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के दौरान भक्तों को अपना पहचान पत्र और निगेटिव रिपोर्ट को वेबसाईट पर अपलोड करना होगा.
उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. इससे पहले सिर्फ उत्तराखंड के लोग ही इस यात्रा पर जा सकते थे. दरअसल तेजी से फैलते कोरोना वायरस को रोकने के लिए राज्य की सरकार ने अन्य राज्यों के लोगों के लिए चार धाम की यात्रा को बंद कर दिया था. लेकिन इस दौरान जो भक्त चार धाम की यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आएंगे, उन्हें सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यात्रा पर आने वाले भक्तों के पास 72 घंटे पहले की कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के दौरान भक्तों को अपना पहचान पत्र और निगेटिव रिपोर्ट को वेबसाईट पर अपलोड करना होगा.
इस दौरान जो भक्त चार धाम की यात्रा पर जाने वाले होंगे. उन्हें अपने साथ ओरिजिनल कॉपी भी रखना होगा. जिसे समय पर यात्रा के दौरान चेक किया जाएगा. इसके बाद ही मंदिर में जाने की अनुमति दी जाएगी. जिसके पास कॉपी नहीं होगी उसे अनुमति नहीं दी जाएगी. दरअसल कोरोना वायरस के कारण कई राज्यों का टूरिज्म डाउन हुआ है. पर्यटकों की घटती संख्या से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ANI का ट्वीट:-
गौरतलब हो कि इस बार कोविड-19 महामारी की वजह से सालाना कांवड़ मेला समेत बाहरी लोगों के लिए चार धाम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने और चारधाम यात्रा सीमित होने से उन लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हो गई जो राज्य में धार्मिक पर्यटन से अपनी कमाई करते थे.