Uttarakhand Glacier Burst: ग्लेशियर टूटने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ इलाके का किया दौरा, राहत और बचाव कार्यों का लिया जायजा
ग्लेशियर टूटने के कारण हुए दर्दनाक हादसे के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमश इलाके में पहुंचे और वहां राहत-बचाव कार्यों का करीब से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बचाव दल तपोवन सुरंग के 130 मीटर अंदर तक जा चुका है और अब 50 मीटर और अंदर तक पहुंचने में 2.5 या 3 घंटे का समय लग सकता है.
Uttarakhand Glacier Burst: देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में रविवार को ग्लेशियर टूटने (Glacier Burst) के कारण बड़ा हादसा हो गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना के बाद जारी राहत और बचाव कार्य के दौरान अब तक 19 लोगों के शवों को बरामद किया गया है, जबकि सैकड़ों लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. इस हादसे के बाद से घटना स्थल पर राहत-बचाव का कार्य युद्ध स्तर (Rescue Operation) पर किया जा रहा है. सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है, क्योंकि माना जा रहा है कि इसमें काफी लोग फंसे हुए हैं. आपको बता दें कि सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत-बचाव के कार्य में जुटी हुई हैं. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) सोमवार शाम जोशीमठ पहुंचे और वहां जारी राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया.
ग्लेशियर टूटने के कारण हुए दर्दनाक हादसे के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमश इलाके में पहुंचे और वहां राहत-बचाव कार्यों का करीब से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बचाव दल तपोवन सुरंग के 130 मीटर अंदर तक जा चुका है और अब 50 मीटर और अंदर तक पहुंचने में 2.5 या 3 घंटे का समय लग सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एनटीपीसी को 1 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. यह भी पढ़ें: Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली के तपोवन की सुरंग से लोगों को निकालने का काम जारी, 170 लोग लापता; पढ़े लेटेस्ट अपडेट
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गौरतलब है कि इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों को राज्य सरकार ने 4 लाख और केंद्र सरकार ने दो लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपदा को लेकर उत्तराखंड के सभी सांसदों से बातचीत की. इस दौरान राहत-बचाव कार्यों और भविष्य में क्या किया जाए, इसे लेकर चर्चा की गई. आपको बता दें कि वैश्विक नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया है और संयुक्त राष्ट्र ने जरूरत पड़ने पर मदद करने की पेशकश की है.