Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में सरकार बनाने का दावा पेश किया

उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार शाम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से मुलाकात कर राज्य में नई सरकार बनाने का आधिकारिक दावा पेश किया.

कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी (Photo Credit: Facebook)

नई दिल्ली/देहरादून, 22 मार्च : उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार शाम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से मुलाकात कर राज्य में नई सरकार बनाने का आधिकारिक दावा पेश किया. सूत्रों ने बताया कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 23-24 मार्च को होने की संभावना है.

इससे पहले, धामी को केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी की उपस्थिति में देहरादून में हुई एक बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया. बैठक में भाजपा के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम सहित प्रदेश के सांसद भी शामिल हुए. विधायक दल की बैठक के बाद धामी को बधाई देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तराखंड का सर्वागीण विकास होगा.

उन्होंने कहा, धामी ने छह महीने सरकार चलाकर छाप छोड़ी. भाजपा ने हाल ही में अपने गठन के बाद से राज्य में लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखने वाली एकमात्र पार्टी बनकर इतिहास रच दिया है. 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भगवा पार्टी ने 47 सीटें जीतीं, हालांकि धामी खटीमा क्षेत्र से हार गए. धामी की हार के बाद उनके भविष्य को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें पूरे कार्यकाल तक सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी है. यह भी पढ़ें : ‘आंतरिक मतभेदों’ के बाहर आने का अफसोस, माकपा की संगोष्ठी में नहीं जा रहा: नेता शशि थरूर(लीड-1)

पिछले साल 4 जुलाई को धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने तीरथ सिंह रावत की जगह ली थी, जिन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद आवश्यक समय अवधि के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित नहीं होने के कारण इस्तीफा दे दिया था. धामी ने कई वर्षो तक आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी में विभिन्न पदों पर काम किया था. उन्होंने दो कार्यकाल के लिए उत्तराखंड में भाजपा की युवा शाखा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. वह दो बार खटीमा से विधायक बने, लेकिन इस बार चुनाव हार गए.

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