उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में सरकारी अस्पताल में लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र स्थित फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भैंसानी गांव की सुनीता बीमार होने के कारण इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने महिला को ड्रीप लगाकर प्राथमिक उपचार तो दे दिया. लेकिन उसके बाद डॉक्टर और उनके सहयोगी कमरे का ताला लगकार वहां से निकल गए. कमरे के अंदर बंद बीमार महिला सुनीता के पास उनकी दो साल की बेटी भी थी.
खबर के मुताबिक अनुसार जब बीमार सुनीता ड्रिप खत्म हुई तो उससे ब्लीडिंग शुरू हो गई. इस दौरान सुनीता ने आवाज भी लगाई लेकिन उनके आसपास कोई नहीं था. इसी दौरान तेज गर्मी के कारण सुनीता की 2 साल की बच्ची प्यास के कारण बेकल होने लगी. अपनी बेटी को पानी पिलाने के सुनीता देखा तो वहां पिने का पानी तक नहीं रखा था. जिसके बाद उन्हें मजबूरी में टायलेट की टंकी से ही पानी पिलाना पड़ा.
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Muzaffarnagar: Woman patient locked up with her 3yr old daughter inside a community healthcare center for more than 5 hours on June 21. CMO Dr PS Mishra says,'One suspended, doctors&pharmacists transferred. Staff said it totally slipped their minds that there is patient inside' pic.twitter.com/hrVCZpQFGF
— ANI UP (@ANINewsUP) June 23, 2019
वहीं स्वास्थ्य कर्मी सुनीता को लॉक कर के पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में विधायक जी का कोई कार्यक्रम था वहां गए थे. काफी देर तक जद्दोजहद कर सुनीता उस बंद कमरे से बाहर निकली और अपने पति के साथ जाकर दूसरे अस्पताल में अपना इलाज करवाया. वहीं जब मीडिया में मामला उछला तो प्रशासन ने वार्ड बॉय सुधीर को सस्पेंड कर दिया. वहीं डॉक्टर समेत अन्य कर्मियों का तबादला कर दिया गया.