Uttar Pradesh: यूपी के ललितपुर में पत्नी ने दिया चौथी बेटी को जन्म तो पिता ने कर ली आत्महत्या, ये थी वजह

दरअसल लालिपुर के थाना मड़ावरा क्षेत्र के धुरवारा गांव में एक शख्स ने इसलिए आत्महत्या कर ली. क्योंकि उसकी पत्नी ने चौथी बार बेटी को जन्म दिया. चौथी बेटी के जन्म की खबर सुनकर पिता विनोद को ऐसा झटका लगा कि उसने किटनाशक दवा का सेवन कर लिया और अपनी जान दे दी. विनोद को अपने वंश की चिंता सताने लगी थी. उसे एक बेटे की चाह थी. लेकिन चौथी बेटी के जन्म लेने पर वो टूट गया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी. वहीं, इस घटना के बाद पूरे परिवार सदमे में है. एक तरफ जहां छोटी सी बच्ची की किलकारी गूंज रही थी वहीं लोगों आंखो से मातम के आंसू बह रहे थे.

मौत/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ:- आज हम आधुनिक दौर में है लेकिन अभी भी लोगों की सोच नहीं बदली. आज भी कई ऐसे लोग हैं जो बेटों को बेटियों से ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसे लोगों की सोच होती है कि बेटा होगा तो परिवार चलेगा और बुढ़ापे में सहारा बनेगा. लेकिन इस कलयुग में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं है. जिसमें देखा गया है कि बेटों ने मां-बाप को बेघर कर दिया. उनके साथ मारपीट भी की. तो कुछ ऐसी बेटियां भी हैं जिन्होंने बेटा बनकर अपने परिवार को सहारा और मां-बाप को संभाला है. हम ऐसा भी नहीं कहते हैं कि सभी बेटे एक जैसे होते हैं. लेकिन सवाल उठता है कि समाज में आखिर कब तक बेटी और बेटा अंतर समझा जाएगा. उत्तर प्रदेश के ललितपुर से एक ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने है. जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया.

दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक लालिपुर के थाना मड़ावरा क्षेत्र के धुरवारा गांव में एक शख्स ने इसलिए आत्महत्या कर ली. क्योंकि उसकी पत्नी ने चौथी बार बेटी को जन्म दिया. चौथी बेटी के जन्म की खबर सुनकर पिता विनोद को ऐसा झटका लगा कि उसने किटनाशक दवा का सेवन कर लिया और अपनी जान दे दी. विनोद को अपने वंश की चिंता सताने लगी थी. उसे एक बेटे की चाह थी. लेकिन चौथी बेटी के जन्म लेने पर वो टूट गया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी. वहीं, इस घटना के बाद पूरे परिवार सदमे में है. एक तरफ जहां छोटी सी बच्ची की किलकारी गूंज रही थी वहीं लोगों आंखो से मातम के आंसू बह रहे थे. दिल्ली: नशे के आदि व्यक्ति ने मां को गंभीर रूप से किया घायल, गिरफ्तार हुआ.

लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या आत्महत्या से इस चीज का हल निकल जाएगा. विनोद के जाने के बाद पत्नी और चार बच्चियों का क्या होगा. हम सभी से अपील करते हैं. आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं बल्कि एक ऐसा जख्म होता है जिसके दर्द में पूरा परिवार तिलतिल मरता है. दुनिया में ऐसी कोई भी समस्या नहीं जिसका कोई हल न हो. बस एक बार ऐसी स्थिति में इंसान को बैठकर शांति से सोचना चाहिए. अगर विनोद ने आत्महत्या न कर के चारों बच्चियों की अच्छे से परवरिश करते तो शायद इन्हीं में से कोई चांद छूती तो कोई ऐसी शख्सियत बनता जो पूरी दुनिया में नाम रोशन कर देती.

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