Uttar Pradesh : जेलों में बंद कैदियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल अब अपराध

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जेलों के अंदर कैदियों द्वारा मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल को गैर-जमानती अपराध बना दिया है. नियम का उल्लंघन करने पर अपराधियों को तीन से पांच साल के कठोर कारावास और 20,000-50,000 रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा.

जेल/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लखनऊ, 1 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने अब जेलों के अंदर कैदियों द्वारा मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल को  गैर-जमानती अपराध बना दिया है. नियम का उल्लंघन करने पर अपराधियों को तीन से पांच साल के कठोर कारावास और 20,000-50,000 रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा. गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की सभी जेलों में कैदी अनुशासन के लिए कारागार अधिनियम-1894 के प्रावधानों में संशोधन कर नया नियम लागू किया गया है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, "अगर राज्य की जेलों में कोई भी कैदी जेल परिसर के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार के वायरलेस संचार उपकरण का उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो दोषी मिलने पर उसे तीन से पांच साल के कठोर कारावास और 20,000-50,000 रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. "यह भी पढ़े: Bihar: एक हजार कारतूस, 2 पिस्टल के साथ तीन हथियार तस्कर गिरफ्तार

इस नियम के साथ, मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, इंटरनेट, जीपीआरएस, ई-मेल, एमएमएस, या कोई अन्य डिवाइस जैसे मोबाइल सिम का उपयोग किसी भी तरह से जेल परिसर के अंदर या बाहर कैदियों द्वारा नहीं किया जा सकता है.

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