उत्तर प्रदेश: अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने की ट्रस्ट की घोषणा

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बुधवार को अयोध्या के रौनाही में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा कर दी है. अभी इसमें नौ सदस्य घोषित हुए हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या में आवंटित की गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए बुधवार को ट्रस्ट के सदस्यों के नाम घोषित कर दिए. जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि बोर्ड ने अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल के निर्माण के लिए 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट बनाया है। ट्रस्ट ने अभी नौ सदस्य घोषित किये हैं.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बनाया ट्रस्ट ( फोटो क्रेडिट- ANI / PTI )

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बुधवार को अयोध्या के रौनाही में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा कर दी है. अभी इसमें नौ सदस्य घोषित हुए हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या में आवंटित की गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए बुधवार को ट्रस्ट के सदस्यों के नाम घोषित कर दिए. जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि बोर्ड ने अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल के निर्माण के लिए 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट बनाया है. ट्रस्ट ने अभी नौ सदस्य घोषित किये हैं.

बाकी छह सदस्यों का चुनाव इन सदस्यों की आम सहमति से होगा. उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट में कुल नौ सदस्य हैं। बोर्ड खुद इसका संस्थापक ट्रस्टी होगा और बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी इसके पदेन प्रतिनिधि होंगे. फारुकी ने बताया कि इसके अलावा वह खुद इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी एवं अध्यक्ष होंगे. ज्ञात हो कि नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.

इसके अनुपालन में अयोध्या जिले की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड को दी गई थी. वक्फ बोर्ड ने उस जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और पुस्तकालय बनाने का ऐलान किया था.

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