उत्तर प्रदेश: सरकारी प्राथमिक स्कूल में 81 बच्चों के लिए मात्र 1 लीटर दूध, बाल्टी भर पानी में मिलाकर बच्चों में बांटा गया
दूध (Photo Credits: IANS)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सरकारी प्राथमिक स्कूल में बच्चों को पीने के लिए 'अत्यधिक' पतला दूध दिया जा रहा है. क्योंकि एक लीटर दूध को 81 बच्चों में बांटने के लिए इसमें पानी मिलाया जाता है. ग्राम पंचायत वार्ड के सदस्य देव पाटिया ने आरोप लगाया कि बुधवार को सोनभद्र जिले के सलाईबनवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में एक बाल्टी पानी में एक लीटर दूध मिलाया गया और उसे 81 बच्चों में वितरित किया गया. उन्होंने कहा कि मिड-डे मील (Mid-Day Meal) भोजनसूची (एमडीएम) के अनुसार, बच्चों को 'तहरी' और दूध दिया जाना था. स्कूल के अधिकारियों ने रसोइये को मात्र एक लीटर दूध दिया.

उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद एक बाल्टी पानी में वही दूध मिलाकर उसे बच्चों में बांट दिया गया. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि स्कूल में पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है. वहीं स्कूल हेड शैलेष कनौजिया ने कहा, "स्कूल में 171 बच्चे हैं. उस दिन 81 बच्चे उपस्थित थे. मेरे ऊपर दो स्कूलों की देखरेख की जिम्मेदारी है. दूध दोनों स्कूलों के लिए उपलब्ध कराना था और मैं सलाईबनवा के प्राथमिक स्कूल में पहुंचे दूध की मात्रा पर निगरानी नहीं रख पाया. रसोइये को दूध उपलब्ध कराया गया, जिसे बच्चों में वितरित किया गया और बच्चों ने उसे पीया."

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: मिड डे मील में फिर ‘घोटाला’, 1 लीटर दूध में 1 बाल्टी पानी मिलाकर 85 बच्चों को पिला दिया

वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) गोरखनाथ पटेल ने कहा, "मुझे जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली, मैंने स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल के हेडमास्टर से इस मामले में जानकारी मांगी है." उन्होंने आगे कहा, "ऐसी लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मामले की जांच करने का आदेश दे दिया गया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक टीम मामले की जांच कर दो दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी."

वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकेश राय ने कहा कि उन्हें स्थानीय लोगों से बच्चों को दिए जाने वाले दूध में पानी की मिलावट की जानकारी मिली है. मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं. आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे कि ऐसी गलती कोई दोबारा न कर सके.