Uttar Pradesh: लखनऊ के शख्‍स ने अदार पूनावाला के खि‍लाफ दर्ज कराई शि‍कायत

मीडिया में आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव के उद्धरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद शरीर में एंटीबॉडी के अच्छे स्तर का उत्पादन होता है. चंद्रा ने सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से एक कोविड एंटीबॉडी जीटी परीक्षण लिया.

अदार पूनावाला Photo Credits: PTI

लखनऊ: लखनऊ (Lucknow) के निवासी प्रताप चंद्रा (Pratap Chandra) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawala) और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कोविशील्ड (Covishield) की खुराक लेने के बावजूद एंटीबॉडी (Antibody) विकसित नहीं की. लखनऊ के आशियाना थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है.  UP Unlock: 1 जून से यूपी के सिर्फ 14 जिलों में जारी रहेगा कोरोना कर्फ्यू, 61 जिलों में आंशिक ढील का ऐलान

शिकायत में डीसीजीए के निदेशक, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय समेत अन्य लोगों के नाम हैं.

प्रताप चंद्रा ने शिकायत में कहा है कि उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक 8 अप्रैल को मिली थी. चंद्रा ने कहा कि उन्हें 28 दिन बाद दूसरी खुराक मिलनी थी, लेकिन उसी दिन उन्हें बताया गया कि दूसरी खुराक की तारीख को छह सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है.

बाद में, सरकार ने दो खुराक के बीच के समय के अंतराल को संशोधित कर 12 सप्ताह कर दिया. चंद्रा ने कहा कि वैक्सीन की पहली खुराक मिलने के बाद उन्हें कमजोरी और अस्वस्थता महसूस हुई.

मीडिया में आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव के उद्धरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद शरीर में एंटीबॉडी के अच्छे स्तर का उत्पादन होता है. चंद्रा ने सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से एक कोविड एंटीबॉडी जीटी परीक्षण लिया.

परीक्षण के परिणाम से पता चला कि शिकायतकर्ता ने कोविड 19 के खिलाफ कोई एंटीबॉडी विकसित नहीं की थी, बल्कि उसके प्लेटलेट्स 3 लाख से घटकर 1.5 लाख हो गए थे. चंद्रा ने आरोप लगाया कि वैक्सीन लेने के बाद उन्हें वायरस का खतरा बढ़ गया है क्योंकि उनकी प्लेटलेट काउंट आधी हो गई है.

पुलिस को शिकायत मिली है लेकिन मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.

पुलिस ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने आगे की कार्रवाई करने से पहले शीर्ष अधिकारियों को सूचित कर दिया है. इस बीच शिकायतकर्ता ने धमकी दी है कि अगर उसकी शिकायत में उल्लिखित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगा.

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