Watch Video: वाराणसी में टिड्डियों के हमले से बचने के लिए पिंडरा विकास खण्ड के आधा दर्जन गांवों में किया गया रासायनिक छिड़काव
टिड्डी (Photo Credits: AFP)

लखनऊ: देश में टिड्डियों के हमले से किसानों का हाल बेहाल है. सीमा पार से आए इन टिड्डियों के दलों ने अन्य राज्यों में तबाही मचाने के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बीते गुरुवार को टिड्डियों से बचाव के लिए वाराणसी (Varanasi) के पिंडरा विकास खण्ड के आधा दर्जन गांवों में रासायनिक छिड़काव किया गया. इस दौरान पिंडरा के एसडीएम के अलावा, शहर के डीएम कौशलराज शर्मा, सीडीओ मधुसूदन हुलगी और अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे.

टिड्डियों से बचाव के लिए रासायनिक दवाओं की छिड़काव सबसे पहले विकास खण्ड राजपुर से की गई. उसके बाद चितौरा, घोघली, नहिया कोर्रा में टिड्डियों को मारने का अभियान चला. इस दौरान दर्जनों की संख्या में सफाई कर्मचारी बैटरी से चालित होने वाली स्प्रे मशीन लेकर खेतों में उतरे. वही दूसरी तरफ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद रहीं.

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बता दें कि हाल ही में विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान ने टिड्डी के प्रकोप के मुद्दे पर चर्चा के लिए भारत के साथ तकनीकी स्तर की बैठक से इनकार कर दिया है. भारत ने कहा कि इस्लामाबाद 'संवादहीनता का रवैया' अपना रहा है जबकि उसके अपने लोगों की खाद्य सुरक्षा को खतरा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मई में भारत ने दोनों देशों के टिड्डी चेतावनी संगठनों के बीच संपर्क गहन करने का आह्वान करने की पहल की थी. उन्होंने कहा कि बीते 60 वर्ष से ये संपर्क हो रहे हैं.

प्रवक्ता ने कहा, 'टिड्डियों के खतरे को देखते हुए हमने सोचा कि यह महत्वपूर्ण है. हमने पाकिस्तान को समन्वित टिड्डी नियंत्रण अभियानों का प्रस्ताव भी दिया. हमने कहा कि टिड्डी नियंत्रण अभियानों के लिए कीटनाशकों की आपूर्ति भी हम कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारत टिड्डी दलों को नियंत्रित करने के लिए ईरान को 20,000 लीटर कीटनाशक की आपूर्ति कर चुका है.