प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी को गुरुवार को यहां उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर अपनी प्रस्तुति रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वह एक कव्वाली पर नृत्य प्रस्तुत कर रही थीं. मंजरी ने आरोप लगाया कि जब वह प्रस्तुति दे रही थीं तो अचानक संगीत को बंद कर दिया गया और अगली प्रस्तुति की घोषणा कर दी गई. उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, "मैंने सोचा कि यह तकनीकी गड़बड़ी है, लेकिन इसके बाद अगली प्रस्तुति की घोषणा कर दी गई. इससे साफ हो गया कि कोई गड़बड़ी नहीं है. जब मैंने संबंधित अधिकारियों से पूछा तो मुझसे कहा गया कि यहां कव्वाली नहीं चलेगी."
मंजरी ने कहा कि उन्हें प्रस्तुति के लिए 45 मिनट का समय दिया गया था और यह पूर्व निर्धारित था, फिर भी उनकी प्रस्तुति रोकी गई और कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, "मैंने इससे पहले अपने दो दशक पुराने करियर में इस तरह की चीज का सामना नहीं किया." संबंधित अधिकारी इस पर टिप्पणी से बचते रहे. एक सरकारी प्रवक्ता ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि प्रस्तुति को समय से पूरा करना था और इसके बाद रात्रि भोज का प्रबंध था.
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उन्होंने कहा, "मंजरी चतुर्वेदी दो प्रस्तुति दे चुकी थीं और तीसरी चल रही थी. चूंकि कार्यक्रम देर से शुरू हुई और ब्रज प्रस्तुति भी होनी थी, इसलिए हम चाहते थे कि सभी कलाकारों को अवसर मिले. इस वजह से प्रस्तुति रोकी गई. प्रस्तुति को संगठनात्मक बाध्यताओं की वजह से रोका गया और इसे किसी धार्मिक या भाषाई पूर्वाग्रह की वजह से नहीं रोका गया."