लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहे प्रदेश में यूपी की सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) कारगर हथियार के रूप में सिद्ध हुई है. कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave) में होम आइसोलेशन (Home isolation) या हॉस्पिटल आइसोलेशन (Hospital Isolation) में रह रहे अब तक कुल 26,96,832 संक्रमितों से स्वास्थ्य और अन्य समस्या के बारे में जानकारी लेकर सहायता मुहैया कराई है. प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, हेल्पलाइन लोगों की मदद भी कर रही है और विभिन्न योजनाओं का फीडबैक भी ले रही है. Uttar Pradesh: सीएम Yogi Adityanath ने जनता दरबार में लोगों की समस्या सुनी, देखें तस्वीर
पिछले दो साल में हेल्पलाइन ने साढ़े 54 लाख से अधिक लोगों की शिकायतें निस्तारित कराई है और कोरोना की दूसरी लहर में होम आइसोलेशन या हॉस्पिटल आइसोलेशन में रह रहे अब तक कुल 26,96,832 संक्रमितों से स्वास्थ्य और अन्य समस्या के बारे में जानकारी लेकर सहायता मुहैया कराई है.
मुख्यमंत्री योगी ने दो साल पहले मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कॉल सेंटर की शुरूआत की थी. हेल्पलाइन में रोजाना 35 हजार कॉल्स आती हैं, जिनमें विभागीय योजनाओं की जानकारी, शिकायतों की स्थिति के अलावा पांच हजार शिकायतें रोज दर्ज की जाती हैं और करीब 50 हजार आउटगोइंग कॉल्स की जाती हैं. कोरोना काल में हेल्पलाइन ने संक्रमितों की आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कोरोना के लक्षण की जानकारी ली. इतना ही नहीं, संक्रमितों को निशुल्क मेडिसिन किट मिली या नहीं, इसकी सूचना लेकर जिला प्रशासन को भी दी. हेल्पलाइन ने 1,30,010 आशा बहनों से पूछा कि उनके पास कितनी मेडिसिन किट है और इसकी सूचना विभाग को दी.
हेल्पलाइन ने 82,987 आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों से दवाइयों और राशन वितरण के बारे में बात की. इसके अलावा उनसे कोविड महामारी के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों की मृत्यु हो गई है, उनकी सूची विभाग को देने के बारे में जानकारी ली जा रही है.
हेल्पलाइन ने 48,914 ग्राम प्रधानों से लक्षणयुक्त व्यक्तियों के एंटीजन टेस्ट, कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण आदि के बारे में बात की और लोगों को कोरोना से बचाने के लिए गाईडलाइन का पालन करने की अपील की. हेल्पलाइन ने 52,840 कोटेदारों से लाभार्थियों को राशन देने और उनके ई-पास मशीन और बैट्री खराब होने या इंटरनेट की समस्या के बारे में भी जानकारी ली.
हेल्प लाइन सेंटर से रोजाना करीब 60,000 से 70,000 निगरानी समितियों से संपर्क किया जा रहा है. होम आइसोलेशन या हॉस्पिटल आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों को कॉल किया जा रहा है. दर्ज शिकायतों पर समाधान आने पर लोगों से संतुष्टि और असंतुष्टि का फीडबैक भी लिया जा रहा है.
सरकारी योजनाओं के बारे में फीडबैक भी लिया जा रहा है. सरकारी सीटी स्कैन, डायलिसिस की सुविधा के बारे में फीडबैक लिया गया. सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को दिए गए स्वेटर, यूनिफार्म और पाठ्य पुस्तक के बारे में फीडबैक लिया गया. इतना ही नहीं, धान की खरीद और बिक्री, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं उठा रहे लोगों से फीडबैक लिया गया.