Uttar Pradesh: फोन पर व्यस्त नर्स ने महिला को एक साथ कोविड वैक्सीन की 2 खुराक दी

सोशल मीडिया पर हमेशा व्यस्त रहने से किसी की जान के लिए आफत बन सकती है. इसका ही एक नजारा कानपुर देहात जिले के अकबरपुर में उस वक्त देखने को मिला जब एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक देने वाली महिला फोन कॉल पर इतना व्यस्त थीं कि उसने एक साथ कोविड के टीके की दो खुराक दे दी.

वैक्सीन/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

कानपुर(उत्तर प्रदेश), 4 अप्रैल : सोशल मीडिया (Social Media) पर हमेशा व्यस्त रहने से किसी की जान के लिए आफत बन सकती है. इसका ही एक नजारा कानपुर देहात जिले के अकबरपुर में उस वक्त देखने को मिला जब एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला को कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की दो खुराक देने वाली महिला फोन कॉल पर इतना व्यस्त थीं कि उसने एक साथ कोविड के टीके की दो खुराक दे दी. घटना की जांच कर रहे कानपुर देहात के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश कटियार ने कहा, "अब से, हर वैक्सीनेटर को लोगों को कोविड टीका लगाने से पहले अपना मोबाइल फोन जमा करने के लिए कहा गया है." रिपोटरें के मुताबिक, मडौली गांव के निवासी विपिन की 50 वर्षीय पत्नी कमलेश कुमारी गुरुवार को अपना पहला टीका लगवाने के लिए अकबरपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गई थीं.

एएनएम अर्चना, जो एक फोन कॉल पर व्यस्त थीं, ने उन्हें कोविड के टीके की दो खुराक दे दी. जैसे ही महिला के परिवार वालों को इसके बारे में पता चला, उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और एएनएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. परिवार के लोगों का कहना है कि जब कमलेश ने एएनएम से दो एक के बाद एक खुराक दिए जाने के बारे में सवाल करने की कोशिश की, तो अर्चना ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और धमकी भी दे डाली. यह भी पढ़ें : COVID-19 in Mizoram: मिजोरम में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन नए मामले, महामारी के कुल मामलों की संख्या 4,490 हुई

इस घटना के फौरन बाद वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए और महिला के परिवार के सदस्यों को शांत करने की कोशिश की. इसके बाद, कथित लापरवाही के बारे में जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया. कमलेश के हाथ में सूजन आ गई लेकिन कोई अन्य गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हुआ. कमलेश को तब पीएचसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार द्वारा लगभग डेढ़ घंटे तक निगरानी के लिए रखा गया.

डॉ कुमार ने कहा, "उन्हें केवल उचित निगरानी के बाद जाने की अनुमति दी गई. खुशकिस्मती से उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं नजर आए." कानपुर देहात के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को कहा, "मैंने मामले को गंभीरता से लिया है और हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो."

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