लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा की बात है दो दिन पहले आगरा के एक कोर्ट के जज को पुलिस वाले ने गाड़ी जाने के लिए जगह नहीं दी थी. जिसके बाद गुस्से में संतोष कुमार यादव (Santosh Kumar Yadav) नाम के जज ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए कोर्ट रूम में पुलिस वाले की वर्दी उतरवा दिए थे. जो जज को पुलिस कर्मी के साथ इस तरफ की कार्रवाई करना भारी पड़ा है और उनका तबादला कर दिया गया है.
जिस पुलिसकर्मी की जज ने वर्दी उतरवाई थी. उस पुलिस वाले का नाम घूरेलाल (Ghurelal) है जो उत्तर प्रदेश पुलिस में ड्राइवर है. पुलिसकर्मी की वर्दी उतरवाने को लेकर शुक्रवार को पूरे दिन यह बात सोशल मीडिया पर तेजी के साथ ट्रेन्ड होती रही. जिसके बाद यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरतापूर्वक लिया और उन्होंने भी ट्वीट कर कहा कि इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. जिसके बाद यह बात पूरे प्रदेश में फैल गई और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मयंक कुमार जैन की तरफ से यादव कोा तबादला कर दिया गया. उनका यह तबादला पुलिस कर्मी की वर्दी उतरवाने से जोड़कर ही देखा जा रहा है. यह भी पढ़े: लखनऊ: होमवर्क पूरा न होने पर दो स्टूडेंट्स ने रची खौफनाक साजिश, मां-बाप समेत यूपी पुलिस भी रह गई सन्न
इस घटना को लेकर आगरा जिले के एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि कॉन्स्टेबल ड्राइवर घूरेलाल ने जज पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके साथ ऐसा करके उसका अपमान किया है. उन्होंने उसका सिर्फ टॉप बेल्ट ही नहीं बल्कि वर्दी भी उतरवाकर कोर्ट में आधे घंटा खड़े रहने को बाध्य किया. इस लिए वह पुलिस विभाग से रिटायमेंट लेना चाहता है.
आगरा से महोबा जिले में हुआ ट्रांसफर
बता दें कि संतोष कुमार यादव आगरा के अडीशनल चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट पद पर तैनात थे. जो उनका ट्रांसफर किये जाने के बाद उन्हें अब महोबा के डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के पूर्णकालिक सचिव का पदभार ग्रहण करने का निर्देश दिया है. इतना ही नहीं आदेश में तुरंत चार्ज हैंडओवर कर नई नियुक्ति का पदभार ग्रहण करने की रिपोर्ट भेजने की बात भी कही गई है.