दुविधा में फंसी मोदी सरकार, बतौर चीफ गेस्ट गणतंत्र दिवस पर भारत आने से अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया इंकार, अब नए मेहमान की तलाश
अप्रैल में भारत सरकार नेअमेरिकी राष्ट्रपति को अगले साल 2019 में गणतंत्र दिवस पर भारत आने का न्योता भेजा था. बताया जा रहा है कि भारत की रूस के साथ हुई S-400 मिसाइल डील और ईरान से तेल करार से खफा होकर ही ट्रंप प्रशासन ने इस न्योते को ठुकराया है.
नई दिल्ली: लगता है भारत और रूस की बढ़ती दोस्ती दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को रास नहीं आ रही है, शायद इसलिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट भारत आने के न्योते को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ठुकरा दिया है. खबरों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में भारत सरकार नेअमेरिकी राष्ट्रपति को अगले साल 2019 में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होने के लिए भारत आने का न्योता भेजा था. बताया जा रहा है कि भारत की रूस के साथ हुई S-400 मिसाइल डील और ईरान से तेल करार से खफा होकर ही ट्रंप प्रशासन ने इस न्योते को ठुकराया है.
इस तरह से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत के न्योते को ठुकराए जाने के बाद मोदी सरकार दुविधा में पड़ गई है. सरकार पर अब ट्रंप के रिप्लेसमेंट के तौर पर किसी नए मेहमान को बतौर चीफ गेस्ट बुलाने का दबाव बढ़ गया है.
सूत्रों के अनुसार, अब भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप के विकल्प के तौर पर तीन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के नाम पर विचार कर रही है, जो ट्रंप की जगह पर नए मेहमान के तौर पर इस कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: काम आई PM मोदी की कूटनीति, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया
दरअसल, रूस के साथ हुई डिफेंस डील और ईरान के साथ तेल करार को लेकर अमेरिका पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका था, ऐसे में भारत को इस बात का अंदेशा था कि वो शायद उनके इस न्योते को ठुकरा दें. बता दें कि रविवार को ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को चिट्ठी भेजकर ट्रंप दौरा कैंसिल होने की जानकारी दी.
बहराहल, अगर ट्रंप भारत आने के इस न्योते को स्वीकार कर लेते तो उनका यह दौरा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौरे से भी ज्यादा चर्चित होता. बता दें कि बराक ओबामा साल 2015 में रिपब्लिक डे परेड के चीफ गेस्ट थे और उनका यह भारत दौरा काफी चर्चित हुआ था.