लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने किसानों की आय बढ़ाने और समग्र रूप से कृषि क्षेत्र की दक्षता में सुधार की दिशा में एक और कदम उठाया है. सीएम योगी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों को सक्रिय और व्यक्तिगत सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश में डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. सीएम योगी की अगुवाई में UP बनेगा डिफेंस हब, लखनऊ में बनेगी ब्रह्मोस मिसाइल, 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार.
इस संबंध में एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसे जल्द ही उत्तर प्रदेश के चयनित 3 जिलों मथुरा, मैनपुरी और हाथरस में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा. इन जिलों के लगभग 10 गांवों के सभी किसानों का डेटा एकत्र किया जाएगा. जिसमें किसानों की जमीन का ब्योरा भी जोड़ा जाएगा. साथ ही स्मार्ट और सुव्यवस्थित कृषि के लिए उनकी संबंधित भूमि का नक्शा भी डिजिटल किया जाएगा.
किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ किसानों को व्यक्तिगत सेवाएं जैसे मिट्टी और पौधे स्वास्थ्य सलाह, वास्तविक समय मौसम सलाह, सिंचाई सुविधाएं, बीज, उर्वरक और कीटनाशक से संबंधित जानकारी और बाजार पहुंच की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही किसानों द्वारा तैयार उत्पादों की उचित मार्केटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी.
सीएम योगी ने कहा, ''किसानों को समय-समय पर परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा और उनके उत्पादों के उचित मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी. पायलट परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के तीन जिलों मथुरा, मैनपुरी और हाथरस को सम्मिलित किया गया है.''
पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में और किसानों के लिए ऐसा परिवर्तन देखा जा रहा है. सरकार नए-नए तरीकों के साथ किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है. किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.
डिजिटल कृषि योजना के तहत तैयार किए जाने वाले किसानों के डेटाबेस के माध्यम से किसानों को किस तरह का अनुदान किस योजना के तहत प्राप्त होगा, इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी.
सरकार ने डेटाबेस तैयार करने की जिम्मेदारी मथुरा, मैनपुरी और हाथरस जिलों के जिलाधिकारियों को सौंपी है. इसके साथ ही निर्देश भी जारी किए गए हैं कि इसके सुचारू क्रियान्वयन के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए. डेटाबेस तैयार करने का काम भारत सरकार और एनआईसी दिल्ली के अधिकारियों के साथ समन्वय कर पूरा किया जाएगा.
परियोजना राज्य में किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न कार्यों को अंजाम देगी, जिससे किसानों के लिए इनपुट लागत कम करके और खेती को आसान बनाकर उनकी आय में वृद्धि होगी.