Lakhimpur Kheri Violence: किसान नेता राकेश टिकैत की चेतावनी, मंत्री अजय मिश्रा को मोदी सरकार बर्खास्त करें, नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि अगर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार नहीं किया गया तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, "मंत्री और उनके बेटे को आगरा में अलग-अलग बैरक में रखा जाना चाहिए, लखीमपुर जेल में नहीं, क्योंकि वे हत्या के दोषी हैं.
Lakhimpur Kheri Violence: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि अगर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) को बर्खास्त और गिरफ्तार नहीं किया गया तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, "मंत्री और उनके बेटे को आगरा में अलग-अलग बैरक में रखा जाना चाहिए, लखीमपुर जेल में नहीं, क्योंकि वे हत्या के दोषी हैं. मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. यह भी पढ़े: Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्रा को राहत नहीं, कोर्ट ने तीन दिनों की पुलिस रिमांड में भेजा
मंत्री और उनके बेटे पर 3 अक्टूबर की उस घटना में शामिल होने का आरोप है, जिसमें चार किसानों समेत नौ लोगों को एसयूवी गाड़ियों से कुचल दिया गया था. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. टिकैत ने घोषणा की कि 15 अक्टूबर को सभी जिलों में पुतले जलाए जाएंगे। स्थानों का फैसला बाद में किया जाएगा.
मंगलवार को मृतकों के निमित्त हुए अंतिम अरदास के मौके पर उन्होंने कहा, "24 अक्टूबर को मृतकों की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी और 26 अक्टूबर को लखनऊ में पंचायत होगी, जिसमें आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि 'अंतिम अरदास' दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना है और यहां कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
टिकैत ने कहा, "लेकिन हम तब तक आराम करने वाले नहीं हैं, जब तक कि किसानों को कुचलने के दोषियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित नहीं हो जाती। हमने जब सरकारी प्रतिनिधियों से बात की तो हमने अपनी मांगों को स्पष्ट कर दिया था - मंत्री और उनके बेटे और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी. इस मुद्दे पर कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है.
उन्होंने मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की हो चुकी गिरफ्तारी को 'रेड कार्पेट अरेस्ट' करार दिया और कहा कि यह किसानों को मंजूर नहीं है. टिकैत ने किसी भी राजनीतिक नेता को सभा को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी और कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक पवित्र' कार्यक्रम था.