लखनऊ , 24 फरवरी : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से अपने राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार देती नजर आ रही है. पिछले बजट (Budget) में इसकी झलक साफ देखने को मिली है. बजट में सरकार ने अयोध्या, वाराणसी में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सुंदरीकरण के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की है. इसके अलावा चित्रकूट में पर्यटन विकास की योजनाओं के लिए 20 करोड़ तो विंध्याचल और नैमिषारण के लिए 30 करोड़ का बजट प्रस्तावित है. योगी सरकार (Yogi Sarkar) के बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र पर खास मेहरबानी दिखी है, पर एजेंडे में अयोध्या भी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल विकास योजना के लिए भी बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है. सरकार ने 450 करोड़ रूपये देकर धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए अपना खजाना खोल दिया है. सरकार का मकसद है कि पहले जैसा धार्मिक पर्यटनों का वैभव वापस लौटे इसके लिए तरह-तरह के आयोजन भी किए जा रहे हैं. चाहे वह अयोध्या में दीपोत्सव हो या फिर मथुरा में होली, चाहे चित्रकूट में मेले का आयोजन हो.
इसके अलावा आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले सेनानियों के सम्मान में पूरे वर्ष चलने वाले शताब्दी महोत्सव व शाहजहांपुर में स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के लिए भी धन अवांटित किया गया है. महापुरूषों, शहीदों और काम के माध्यम से एक तरफ राष्ट्रवादी सरोकारों को बढ़ाते हुए समीकरणों को साधने का प्रयास किया है. वहीं धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के साथ अयोध्या, मथुरा, काशी, चित्रकूट, विंध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण सहित अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए धन की व्यवस्था कर हिन्दुत्व के एजेंडे पर मजबूती से डटे रहने का साफ संदेश दिया है. वाराणसी में गोकुल ग्राम तथा गोवंश की सुरक्षा पर संरक्षण का संकल्प जताते स्वदेशी और राष्ट्रवाद के साथ समाजिक सरोकारों से जुड़े रहने का संदेश भी दिया है. यह भी पढ़ें : Mumbai Local Trains: कोरोना वायरस की वजह से क्या फिर बंद होने वाली है मुंबई लोकल? जानिए रेलवे का जवाब
मालूम हो कि पिछले साल के बजट में भी कमोबेश योगी सरकार की प्राथमिकता में सर्वाधिक संभावनाओं वाला धार्मिक पर्यटन ही था. उस बजट में विश्वनाथ करीडोर के सुंदरीकरण और विस्तारीकरण के लिए 200 करोड़ रुपये, वहां सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए 170 करोड़, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. उस बजट में अयोध्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये के अलावा पर्यटकों के लिए बेहतरीन बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 85 करोड़, तुलसी स्मारक भवन के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.