UP Civic Elections: यूपी निकाय चुनाव के साथ मिशन 2024 में जुटी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के साथ ही लोकसभा 2024 को फतेह करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके तहत कार्यकर्ताओ को जुटने को कहा है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री योगी के साथ दिल्ली में बैठक कर चुके हैं.

बीजेपी (प्रतिकत्कम तस्वीर )

लखनऊ, 14 दिसंबर : भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (Civic Election) के साथ ही लोकसभा 2024 को फतेह करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके तहत कार्यकर्ताओ को जुटने को कहा है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री योगी के साथ दिल्ली में बैठक कर चुके हैं. भाजपा सूत्रों की मानें तो मैनपुरी और खतौली के नतीजे पार्टी के अनुकूल न आने पर पार्टी और ज्यादा सजग हो गई है. इसीलिए उपचुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल ने सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हे निकाय चुनाव जीतने का टास्क दे दिया है. साथ-साथ लोकसभा के लिए भी जरूरी निर्देश दिए हैं. अब पार्टी का फोकस निकाय चुनाव जीतने में है.

इस बाबत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और प्रभारियों के साथ अलग अलग चर्चा कर अपनी अपेक्षाएं सामने रख दी. सभी को टास्क दे दिया गया है और ताकीद किया गया है कि तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. हाल ही में भाजपा रामपुर विधानसभा उपचुनाव जीती है लेकिन खतौली और मैनपुरी लोकसभा सपा के खाते में गया. उसकी समीक्षा के साथ ही नड्डा ने निकाय चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ने का निर्देश दिया. भाजपा किसी भी स्तर पर तार ढीला नहीं छोड़ना चाहती है. यह भी पढ़ें : राजस्थान के कांग्रेस विधायक ने छात्रों की आत्महत्या पर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए

जानकारों की मानें तो उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सर्वाधिक 80 सीटें होने से राजनीतिक रूप से यह सर्वाधिक अहमियत वाला राज्य है. लिहाजा यहां के हर चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरा संगठन जीत सुनिश्चित करने के लिए खुद को झोंक देता है. हिमाचल और गुजरात के चुनावों में भारी व्यस्तता के बीच भी नगर निकाय चुनावों के लिए योगी आदित्यनाथ ने नगर निगमों में प्रबुद्ध सम्मेलनों का क्रम जारी रखा. 13 दिसंबर को मथुरा-वृंदावन में प्रबुद्धजन सम्मेलन इसकी अंतिम कड़ी है.

उल्लेखनीय है कि इस बार इन चुनावों में भाजपा किसी प्रकार की कोर कसर बांकी नहीं रखना चाहती है. लिहाजा तैयारियों को और पुख्ता करने एवं जीत सुनिश्चित करने के लिए गुजरात के नतीजे आने के तुरंत बाद संगठन एवं मुख्यमंत्री स्तर पर बैठक कर मुकम्मल रणनीति तैयार करने के साथ किसकी क्या जिम्मेदारी है, यह भी साफ-साफ बता दिया गया.

भाजपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले दिनों भाजपा की संगठनात्मक बैठक हो चुकी है. इसमें सभी मोचरें के प्रदेश अध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिलाध्यक्ष भी शामिल थे. किसकी क्या जिम्मेदारी है, इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं. यह भी तय हुआ कि मुख्यमंत्री ने नगर निगमों के चुनावों के मद्देजर प्रबुद्धजनों से संवाद का जो सिलसिला शुरू किया है. उसे जारी रखते हुए हम जनसंपर्क पर भी खास जोर देंगे. इस तरह की बैठकों का क्रम अभी जारी रहेगा.

संगठन और सरकार की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास और तेज गति से आगे बढ़े, इसके लिए ट्रिपल इंजन की सरकार जरूरी है. वह पहले ही नगर निगम चुनावों में क्लीन स्वीप का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. जिस जगह उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन किए, वहां लोकार्पण एवं शिलान्यास के जरिए विकास की सौगात देकर इस बाबत अपनी प्रतिबद्धता भी जताई.

मालूम हो कि पिछले चुनावों में 16 नगर निगमों में से अलीगढ़ एवं मेरठ को छोड़ बाकी सभी जगहों पर भाजपा का महापौर चुना गया था. इस बार पार्टी ने क्लीन स्वीप का इरादा बनाया है. 2017 की तुलना में बेहतर नतीजों और 2024 में आम चुनाव में मिशन 80 के मद्देजर मुख्यमंत्री कुछ बड़ी नगरपालिका परिषदों में भी प्रबुद्ध सम्मेलन कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि इन चुनावों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ही प्रमुख मुद्दा होती हैं. यही वजह है कि नगरीय सुविधाओं में इजाफा करने के लिए सरकार ने 33,700 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट में नई योजनाओं पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान है. इसमें से अधिकांश रकम सड़क निर्माण और नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने में खर्च होगी.

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