अब UP के यूनिवर्सिटियों में देश विरोधी नारे लगाना पड़ेगा भारी, कड़े कानून लाने जा रही है योगी सरकार
शैक्षणिक संस्थानों में बढती देश विरोधी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार एक विशेष कानून लाने जा रही है. जिसका मसौदा भी तैयार किया जा चूका है.
लखनऊ: शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institute) में बढती देश विरोधी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार एक विशेष कानून लाने जा रही है. जिसका मसौदा भी तैयार किया जा चूका है.
उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस कानून से जुड़े अध्यादेश के मसौदे की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यूपी कैबिनेट ने एक निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालयों में केवल शिक्षा दी जानी चाहिए, किसी भी देश विरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इससे पहले यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस कानून को बेहद महत्वपूर्ण फैसला बताते हुए कहा कि कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ऑर्डिनेंस 2019 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्य की 27 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को एक छत के नीचे ला सकेंगे, जो फिलहाल अलग-अलग दिशा में काम कर रही हैं.
कथित देश विरोधी गतिविधियों के चलते उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) खूब सुर्खियों में रहा है. इसी साल फरवरी महीने में भारत के खिलाफ नारेबाजी करने के आरोप में 14 छात्रों पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था. मामला बढ़ते देख इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थी. पूरे एएमयू परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. इसके अलावा इसी साल की शुरुआत में सूबे के बस्ती जिले में पुलिस ने एक प्राइवेट स्कूल शिक्षक को गिरफ्तार किया था, जो पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि देने के वक्त बच्चों से देशविरोधी नारे लगावाने के लिए दबाव बना रहा था.