लखनऊ : देश के नेता नौकरियों को लेकर बड़े-बड़े दावा कर रहें है कि देश के पढे़ लिखे युवाओं को उनके मन मुताबिक नौकरियां मिल रहीं है. लेकिन जमीनी कहीकत कुछ और ही है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश से है. सूबें के पुलिस विभाग में खाली 62 चपरासी पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई है. इस पद के लिए 93 हजार लोगों ने आवेदन किया है. चौकाने वाली बात है कि इस पद के लिए 3700 पीएचडी करने वाले लोगों ने भी आवेदन किया है.
खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पुलिस में पिछले कुछ दिनों से 62 चपरासी के पद खाली थे. इन पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने वैकेंसी निकाली है. इस पद के लिए शिक्षा प्रमुख रुप से 5 वीं पास रखी गई है. सरकार के इस ऐलान के बाद इस पद के लिए 93 हजार लोगों ने आवेदन किया है.
आवेदन के बाद लोगों के फार्म जब चेक किया गया तो हौरान करने वाली बात सामने आई कि इस छोटे से पद के लिए 50 हजार ग्रेजुएट, 28 हजार पोस्ट ग्रेजुएट, 3700 पीएचडी करने वाले लोगों ने आवेदन किया है. वही कम पढे़ लिखे लोगों में पांचवीं से लेकर 12वीं तक के 7400 लोगों ने आवेदन किया है.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के लिए यह पहला मामला नहीं है कि एक छोटे से पद के लिए इतनी बढ़ी डिग्री लेने वाले लोग आवेदन कर रहे है. इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकार में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. सचिवालय में फर्राश के लिए 374 पदों के लिए वैसेंसी निकाली गई थी. उस पद के लिए 24 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. इसमें भी बड़ी संख्या में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर पीएचडी धारक शामिल थे. हालांकि बाद में यह वैकेंसी रद्द कर दी गई थी.