नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि दलितों पर अत्याचार के मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह बात राजस्थान के नागौर में दो दलित युवकों पर किए गए अत्याचार की घटना के संदर्भ में कही.पासवान ने कहा कि जिस मानसिकता के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं, वह समाज के लिए कुष्ठ रोग के समान है. नागौर की घटना पर आईएएनएस के सवाल पर उन्होंने कहा, "यह (मानसिकता) समाज में कुष्ट रोग है, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई की जानी चाहिए.
राजस्थान के नागौर जिले में दो दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई करने की घटना प्रकाश में आई है.पासवान ने विगत में गुजरात, मध्यप्रदेश व अन्य जगहों पर दलितों पर अत्याचार के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 72 साल बाद भी दलित समुदाय के लोग विकास से महरूम हैं. उन्होंने कहा, "ऐसा कोई देश है जहां आजादी के 72 साल बाद भी लोगों (दलितों) को गांव से बाहर रहना पड़ रहा है. यह भी पढ़े: आरएसएस ने बीजेपी को दिया सुझाव, कहा- CAA को लेकर दलितों के बीच जाएं नेता2019/12/25
दलितों की बस्तियों में सड़कें नहीं हैं और वे विकास से महरूम हैं. पासवान ने कहा कि यह दुखद है कि दलित जवान सीमा पर दुश्मन से तो लड़ सकता है लेकिन शादी के लिए उसे घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता है.उन्होंने कहा कि जब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एसएसी/एसटी एक्ट लागू किया जाता है तो उसका विरोध शुरू हो जाता है.