पानी से बने ग्रीन हाइड्रोजन से चलती है आलीशान कार Mirai, संसद लेकर पहुंचे नितिन गडकरी, मोदी सरकार के सपने का किया खुलासा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) आज (30 मार्च) हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से चलने वाली कार 'मिराई' (Mirai) से संसद पहुंचे. इस कार का नाम 'मिराई' है, जिसका अर्थ भविष्य होता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "पेट्रोल-डीज़ल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, हम इन्हें आयात करते हैं और पेट्रोल-डीज़ल से प्रदूषण भी बहुत होता है.
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) आज (30 मार्च) हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से चलने वाली कार 'मिराई' (Mirai) से संसद पहुंचे. इस कार का नाम 'मिराई' है, जिसका अर्थ भविष्य होता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "पेट्रोल-डीज़ल और गैस की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, हम इन्हें आयात करते हैं और पेट्रोल-डीज़ल से प्रदूषण भी बहुत होता है. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमें तेल में भी आत्मनिर्भर होना होगा. यह गाड़ी (Mirai) जल्दी ही भारत में आएगी, देश में एक बड़ी क्रांति होगी. आयात कम होगा और हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना निश्चित रूप से साकार होगा.” दो साल में पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के बराबर होगी इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत: मंत्री नितिन गडकरी
उन्होंने कहा “'आत्मनिर्भर' बनने के लिए हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से उत्पन्न होता है. यह कार पायलट प्रोजेक्ट है. अब देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा, आयात पर अंकुश लगेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया है और जल्द ही हम हाइड्रोजन का निर्यात करने वाला देश बन जाएंगे.”
गडकरी ने बताया कि देश में जहां भी कोयले का इस्तेमाल होता है, वहां ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा. इसी महीने केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को ग्रीन हाइड्रोजन आधारित उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी), टोयोटा मिराई के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था.
भारत में शुरू हुए अपनी तरह के इस पहले प्रोजेक्ट का उद्देश्य हरित हाइड्रोजन और एफसीईवी प्रौद्योगिकी की अनूठी उपयोगिता के बारे में जागरूकता पैदा करके एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों के लिए हाइड्रोजन पर चलने वाली दुनिया की सबसे उन्नत एफसीईवी टोयोटा मिराई का अध्ययन और मूल्यांकन करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट का संचालन कर रही हैं.
यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी और इस तरह 2047 तक भारत को 'ऊर्जा आत्मनिर्भर' बनाएगी. गडकरी का दावा है की ग्रीन हाइड्रोजन द्वारा संचालित एफसीईवी सबसे अच्छे शून्य उत्सर्जन समाधानों में से एक है. यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है, जिसमें पानी के अलावा कोई टेलपाइप उत्सर्जन नहीं है. मंत्री ने बताया कि अक्षय ऊर्जा और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध बायोमास से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न किया जा सकता है.