दुर्लभ बीमारी से जूझ रही दो साल की सृष्टि को लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, कोल इंडिया ने दी मंजूरी
स्पाइनल मस्कुलरएट्रोफी टाइप-1 नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही झारखंड के मेदिनीनगर की रहनेवाली दो साल की सृष्टि रानी को नयी जिंदगी देने के लिए कोल इंडिया आगे आयी है. मासूम बच्ची को लगने वाले इंजेक्शन के लिए कंपनी ने 16 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है.
रांची, 18 नवंबर: स्पाइनल मस्कुलरएट्रोफी टाइप-1 नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही झारखंड (Jharkhand) के मेदिनीनगर की रहनेवाली दो साल की सृष्टि रानी को नयी जिंदगी देने के लिए कोल इंडिया आगे आयी है. मासूम बच्ची को लगने वाले इंजेक्शन के लिए कंपनी ने 16 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल में कार्यरत हैं. Maharashtra: नासिक में वाटर पार्क को बनाया फ्लावर पार्क, 6 लाख से भी अधिक रंग-बिरंगे फूलों को देखने दूर-दूर से पहुंच रहे लोग
सृष्टि लगभग 10 महीने से वेंटीलेटर पर है. इस बीमारी के इलाज के लिए जो इंजेक्शन लगाया जाता है, वह यूएस से मंगाया जाता है और उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. उम्मीद की जा रही है कि आगामी 15 से 20 दिनों के भीतर सृष्टि को यह इंजेक्शन लग जायेगा. बुधवार को कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद कुमार अग्रवाल की ओर से 16 करोड़ की सहायता राशि की स्वीकृति का पत्र एसईसीएल पहुंचा. बताया जा रहा है कि किसी एक व्यक्ति के लिए इलाज के लिए यह कंपनी की ओर से अब तक का सबसे बड़ा अनुदान है.
बता दें कि यह राशि जुटाने के लिए पिछले छह महीने से छत्तीसगढ़ से लेकर क्राउड फंडिंग का अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन अब तक मात्र 40 लाख रुपये ही जुट पाये थे. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, चतरा के सांसद सुनील सिंह सहित कई लोगों ने सृष्टि के इलाज की मदद के लिए देश की कई बड़ी कंपनियों को पत्र लिखा था. मेदिनीनगर के उपायुक्त शशि रंजन भी क्राउड फंडिंग के लिए आगे आये थे.
उन्होंने कहा था कि मेदिनीनगर जिले की आबादी 20 लाख है. इनमें से यदि 16 लाख लोग 100-100 रुपये भी देंगे तो 16 करोड़ इकट्ठा किया जा सकता है. एसईसीएल के कर्मियों ने भी मदद की गुहार लेते हुए कंपनी को पत्र लिखा था. इसके बाद एसईसीएल ने कोल इंडिया को प्रस्ताव भेजा, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है. सृष्टि देश की दूसरी बच्ची है, जिसे 16 करोड़ का इंजेक्शन लगेगा. इससे पूर्व इसी तरह की बीमारी से जूझ रही मुंबई की एक बच्ची तीरा कामथ के लिए भी प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद इस इंजेक्शन का इंतजाम हुआ था.