Bank Strike: सरकारी बैंकों (Govt Banks) के निजीकरण (Privatisation ) के विरोध में आज से करीब 9 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. उनके हड़ताल पर जाने से बैंक के काम काज पर असर पड़ने से ग्राहक को इस बीच पैसों के लें देन को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि बैंक कर्मचारियों का हड़ताल गुरुवार से शुरू होकर शुक्रवार तक चलेगा. वहीं शनिवार को एक दिन बैंक खुलने के बाद रविवर को सप्ताह की छुट्टी होने की वजह से एक दिन और बैंक बंद रहे रहेगी. यानि इस बीच ग्राहकों को पैसों के लें दें को लेकर दिक्कत आ सकती है.
हालांकि हड़ताल पर जाने को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित अधिकांश बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को चेक क्लीयरेंस और फंड ट्रांसफर जैसे बैंकिंग कार्यों के प्रभावित होने को लेकर आगाह कर दिया था. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC) की महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सुलह बैठक विफल रही, इसलिए बैंक यूनियनें हड़ताल कर रही हैं. यह भी पढ़े: Bank Strike: राहुल गांधी का बड़ा हमला, कहा- लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है मोदी सरकार
हालांकि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों ने यूनियनों से दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था. इस बीच बातचीत भी हुई, लेकिन बात सफल नहीं रही. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के तत्वावधान में बैंक यूनियनों ने 2021-22 के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल पर गए हैं. बजट में सरकार ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की थी.