ट्रकों और बसों की हड़ताल जारी: कल से आम आदमी हो सकती है ज्यादा दिक्कत, जानिए ट्रांसपोर्ट्स की क्या है मांगें

दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने दावा किया कि दूध, फल और सब्जी आदि को हड़ताल से छूट है. हड़ताल से देशभर में 92 लाख से अधिक ट्रक नहीं चल रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: टोल नाकों पर ट्रकों को फ्री करने, डीजल के दामों में कमी करने समेत कई मुद्दों को लेकर ट्रक मालिकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल शनिवार को भी जारी रही. हालांकि, अभी रोजमर्रा की जरूरत के सामान जैसी दूध, फल, सब्जी आदि को हड़ताल से छूट है, लेकिन इन्हें कई जगह हड़तालियों का विरोध सहना पड़ रहा है. ऐसे में सोमवार से ट्रकों की संख्या में और कमी आने की संभावना है.जिससे आम आदमी को परेशानी हो सकती है.

बता दें कि बारिश से फल, सब्जी के दाम बढ़े हुए हैं. ऐसे में अगर आवक घटी तो मंहगाई ओर बढ़ेगी. दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने दावा किया कि दूध, फल और सब्जी आदि को हड़ताल से छूट है. हड़ताल से देशभर में 92 लाख से अधिक ट्रक नहीं चल रहे हैं.

इसके साथ ही 52 लाख प्राइवेट बसें, कैब और टूर एंड ट्रैवल से जुड़े वाहन भी इस बार ट्रक ऑपरेटरों के साथ आ गए हैं. केवल दूध, फल-सब्जियों की गाड़ियों को ही चलने की अनुमति होगी.

वही फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष परविंदर सिंह भाटिया का कहना है सोमवार से ही माल की कमी बाजार में महसूस होने लगेगी, अभी सभी आपूर्ति ठप हो गई है.

ये रही ट्रांसपोर्ट्स की मांगें-

बता दें कि प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए.

टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है.

थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी (GST) की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए.

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और र्इ-वे बिल में संशोधन हो.

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