मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत देश में बनी पहली और सबसे ज्यादा स्पीड वाली बहुचर्चित 'ट्रेन-18' (Train-18) का शनिवार को सफल परिक्षण हुआ. जिसके बाद ट्रेन प्रयागराज पहुंची. इस ट्रेन को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाएगा. इस ट्रायल के दौरान ही ट्रेन ने कानपुर से इलाहाबाद के बीच 200 किलोमीटर की दूरी को सिर्फ दो घंटे में तय किया. यह हाई स्पीड ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. दिल्ली-आगरा, सवाई माधोपुर कोटा और मुरादाबाद रूट पर ट्रेन-18 का ट्रायल पूरा हो चुका है. सेमी ट्रेन को लेकर प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. ये ट्रेन पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है. खास तौर पर इसे बुलेट ट्रेन के मॉडल पर तैयार किया गया है.
180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन-18 आधिकारिक रूप से भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बन गई. बता दें कि सबसे पहले नवंबर में बरेली मुरादाबाद सेक्शन के स्टैंडर्ड ट्रैक पर इसका ट्रायल हुआ था. इस हाई स्पीड ट्रेन की गति पर पानी की बोतल की स्थिरता चेक की गई. ट्रेन-18 इस टेस्ट में भी सफल हुई.
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India's 1st locomotive-less train known as #Train18 breached the 180 kilo-meter per-hour speed limit during a test run.
The stability of water bottles at this speed is testament to the quality of workmanship and design of our engineers.@RailMinIndia @PiyushGoyal #IndianRailways pic.twitter.com/W2dd77FTXq
— PIB India (@PIB_India) December 30, 2018
ट्रेन को कुंभ के दौरान प्रयागराज से नई दिल्ली स्टेशन के मध्य चलाए जाने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, पहले ये चर्चा थी कि 29 दिसंबर को इस ट्रेन को नई दिल्ली से वाराणसी के मध्य चलाया जाएगा, लेकिन प्रयागराज से वाराणसी के मध्य कई तकनीकी दिक्कतों, विद्युतीकृत रूट न होने और स्पीड कम होने के कारण .संभव है कि अभी इसे प्रयागराज तक ही चलाया जाए. फिलहाल, रेलवे की ओर से अभी इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है.
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