गुड न्यूज! अब अपनी पसंद के चैनलों को चुनने के लिए TRAI ने दी 31 जनवरी तक की छूट

ग्राहक अब 31 जनवरी तक अपने पसंद के चैनल या पैक का चयन कर सकेंगे

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits-Twitter)

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने केबल प्रसारण की नई व्यवस्था के तहत चैनल चयन करने का समय 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है. तब तक सभी ग्राहकों के मौजूदा चैनल पैक पहले की तरह चलते रहेंगे. ट्राई ने मार्च 2017 में प्रसारण और केबल सेवाओं (Broadcasting and Cable Services) के लिए नया नियामकीय ढांचा अधिसूचित किया था. बाद में तीन जुलाई 2018 को इसे फिर से अधिसूचित किया गया जिसमें इसे लागू करने की समय-सारिणी का उल्लेख है. इस समय सारिणी के अनुसार, सभी सेवा प्रदाताओं को इस ढांचे के अनुरूप सेवाएं देने की तैयारी 28 दिसंबर 2018 तक पूरी करनी है, क्योंकि अगले दिन से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी.

हालांकि सेवा प्रदाताओं और प्रसारकों से चर्चा के बाद ट्राई ने अब ग्राहकों को चैनलों को चुनने की छूट 31 जनवरी तक बढ़ा दी है. इससे ग्राहक अब 31 जनवरी तक अपने पसंद के चैनल या पैक का चयन कर सकेंगे और तब तक उनके मौजूदा पैक यथास्थिति काम करते रहेंगे. वहीं इससे सेवाप्रदाताओं को अपने ग्राहकों को पुरानी व्यवस्था से नयी व्यवस्था में लाने में आसानी होगी. ट्राई ने एक बयान में यह जानकारी दी है. यह भी पढ़ें- भारत के इन राज्यों में ऑनलाइन होटल बुकिंग पर लगेगी रोक, 16 जनवरी के बाद नहीं कर पाएंगे बुकिंग

टीवी चैनलों के लिए TRAI के नियमन को लागू करने पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इंकार

मद्रास हाई कोर्ट ने ट्राई के मार्च 2017 के निर्देशों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से शुक्रवार को मना कर दिया. ट्राई के ये नियम और निर्देश निशुल्क और भुगतान कर देखे जाने वाले चैनलों को लेकर दर तय करने के संबंध में है. केबल टीवी एसोसिएशन की ओर से दायर एक अंतरिम अर्जी को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एस. वैद्यनाथन ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तारीख निर्धारित की.

चेन्नई मेट्रो केबल टीवी (सीएएस) ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने अपनी याचिका में 19 नवंबर और 18 दिसंबर को जारी नये नियमनों पर दो अधिसूचनाओं को खारिज करने की मांग की थी. इसमें दर संबंधी आदेश लागू करने के लिए 29 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गयी थी.

ट्राइ के वकील ने कहा कि मामला पहले ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष उठाया जा चुका है और प्राधिकरण ने खुद ही सेवा लागू करने की तारीख अब बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी है ताकि सर्विस प्रोवाइडर नये प्रारूप के तहत आसानी से उपभोक्ताओं को सेवा मुहैया करा सके.

एजेंसी इनपुट

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