Maharashtra Shocker: इंसानियत शर्मसार! बच्ची को गर्म तवे और सिगरेट से जलाया, घर में बंदी बनाया, दर्दनाक है टॉर्चर की ये कहानी

आरोपी परिवार ने लड़की की पीठ को गर्म तवे से जलाया, गर्म चाकू से दागा और उसकी पीठ पर जलती हुई सिगरेट रख दी, फिर उन्होंने उसे घर में बंद कर दिया और चले गए.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Twitter/X)

महाराष्ट्र: नागपुर के हुडकेश्वर इलाके में हाल ही में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. इस मामले में एक परिवार ने 12 साल की बच्ची के साथ खौफनाक हरकत की, जिसके बारे में सुनकर आपका दिल दहल जाएगा. परिवार ने लड़की की पीठ को गर्म तवे से जलाया, गर्म चाकू से दागा और उसकी पीठ पर जलती हुई सिगरेट रख दी, फिर उन्होंने उसे घर में बंद कर दिया और चले गए. लड़की ने बहादुरी से अपनी आपबीती पड़ोसियों के साथ साझा की, जिन्होंने तुरंत उसे बचाया और पुलिस स्टेशन ले आए.

मामला हुडकेश्वर थाना क्षेत्र के अथर्व नगरी सोसायटी का है. घरेलू सहायिका के रूप में काम करने के लिए एक लड़की को बेंगलुरु से लाया गया था. मकान मालिक उससे घर के सारे काम करवाता था और गलती करने पर डांटता था. समय के साथ, लड़की को बढ़ते दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. हाल ही में वह पिछले चार दिनों से घर के अंदर बंद थी. Maharashtra Shocker: 2 हजार रुपये वापस मांगने पर 4 लोगों ने दलित विधवा काे सड़क पर पीटा, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

आरोपी का परिवार लड़की को घर में बंद कर बेंगलुरु चला गया था. बिजली का बिल बकाया होने पर घर की लाइट काट दी गई. लड़की ने घर के अंदर से चिल्लाकर आस-पास के लोगों का ध्यान खींचा. इसके बाद वह पूरी घटना के बारे में बताने लगीं. लड़की के मुताबिक, उसे काफी समय तक बंद रखा गया था. करीब से निरीक्षण करने पर लोगों ने उसके शरीर पर कई निशान देखे, जो गर्म तवे, गर्म चाकू और सिगरेट से जलने के प्रतीत हो रहे थे. वह गंभीर रूप से जल गई थी. इसके तुरंत बाद लोग लड़की को लेकर थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी कहानी बताई.

एनजीओ के एक प्रतिनिधि शीतल पाटिल ने कहा कि आरोपी परिवार ने तीन साल पहले बेंगलुरु से एक 12 वर्षीय लड़की को खरीदा था और उसे अपने स्थान पर लाया था. लड़की को घर का काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर वह कोई गलती करती थी तो उसे तवे से जला दिया जाता था और उसके निजी अंगों को सिगरेट से दागा जाता था. लड़की को गंभीर यातनाओं का सामना करना पड़ा.

लड़की करीब तीन साल तक यह अत्याचार सहती रही. उसे चप्पल तक पहनने की अनुमति नहीं थी और उसे अपने घावों को छुपाने के लिए उसे हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया था. उसके साथ क्रूर व्यवहार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं.

हुडकेश्वर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी विक्रांत सांगाने के मुताबिक स्थानीय निवासी लड़की को पुलिस स्टेशन लेकर आने के बाद घटना की गहनता से जांच की गई है और लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया गया है. फिलहाल पुलिस आरोपियों  से पूछताछ कर रही है. लड़की जिस परिवार के साथ रह रही थी वह मूल रूप से बेंगलुरु का रहने वाला है और उसके पिता बेंगलुरु में चौकीदार के रूप में काम करते हैं. ये लोग लड़की को पढ़ाने-लिखाने का झांसा देकर यहां लाए थे, लेकिन लगता है कि यहां कुछ और ही हो रहा था.

 

 

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