झारखंड: सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 3 नक्सली ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

झारखंड में सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. हजारीबाग जिले के केरेडारी में गुरुवार को जिला पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के तीन उग्रवादियों को मार गिराया है.

भारतीय सेना (Photo Credits: IANS)

रांची: झारखंड में सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. हजारीबाग जिले के केरेडारी में गुरुवार को जिला पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के तीन उग्रवादियों को मार गिराया है. सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच बुंडू इलाके में मुठभेड़ हुई है.

केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के आईजी संजय आनंद लाटकर ने मुठभेड़ की पुष्टि की है. गुरुवार सुबह टीपीसी उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच सर्च ऑपरेशन के दौरान आमना-सामना हुआ. जिसके बाद एनकाउंटर में तीन उग्रवादी ढेर हो गए. पुलिस को मौके से एक एके-47 और दो इंसास राइफल बरामद किया है. वहीं इलाके में कुछ और उग्रवादियों के होने की आशंका है. जिस वजह से इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है.

झारखंड पुलिस के एडीसी अभियान एमएल मीणा ने बताया कि चतरा में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है. जिसमें टीपीसी के तीन नक्सली मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल इलाके में पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है. उनका कहना है कि नक्सलियों पर लगातार अभियान चलता रहेगा.

हाल ही में एक आरटीआई के जरिए पता चला था की वर्ष 2010 के बाद से देश में सुरक्षाबलों ने 1190 नक्सलियों को मार गिराया है. गृह मंत्रालय के तहत वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) डिवीजन ने जवाब में बताया गया कि इस दौरान नक्सलियों से जुड़ी़ 11,567 घटनाएं हुईं जिनमें 1331 सुरक्षाकर्मी घायल हुए.

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मिले जवाब के मुताबिक, सबसे ज्यादा 225 नक्सली 2018 में मारे गए. जबकि 2016 में 222, वर्ष 2010 में 172, वर्ष 2017 में 136 और 2013 में 100 नक्सली मारे गए.

इसी तरह 2011 में 99, वर्ष 2015 में 89, वर्ष 2012 में 74 और 2014 में 66 तथा 2019 में (31 जनवरी तक) 89 नक्सली मारे गए.

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