नई दिल्ली: लगभग तीन चौथाई लोगों को लगता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, महंगाई अनियंत्रित हो गई है. आईएएनएस-सीवोटर बजट ट्रैकर से यह जानकारी मिली है.पीएम मोदी के कार्यकाल में यह उच्चतम प्रतिशत है, जिसके तहत 72.1 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि महंगाई बढ़ गई है, जबकि 2015 में मात्र 17.1 प्रतिशत लोग यह महसूस करते थे. 2020 में, केवल 10.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कीमतों में गिरावट आई है, जबकि 12.8 प्रतिशत ने कहा कि कुछ भी नहीं बदला है.
पोल का सैंपल साइज 4,000 से अधिक है और सर्वेक्षण के लिए फील्डवर्क जनवरी 2021 के तीसरे-चौथे सप्ताह में किया गया था। सर्वेक्षण का विषय 'केंद्रीय बजट से उम्मीदें' है. सर्वेक्षण में एक सवाल पर, 72.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, महंगाई अनियंत्रित हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं. 2015 के बाद से मुद्रास्फीति के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए इस बाबत यह सबसे खराब स्कोर है. यह भी पढ़े: Union Budget 2020: बजट से पहले बड़ी खबर, 72 प्रतिशत भारतीयों को लगता है मोदी राज में बढ़ी महंगाई
2015 में यह आंकड़ा केवल 17.1 प्रतिशत था, 2016 में 27.3 प्रतिशत, 2017 में 36.8 प्रतिशत, 2018 में 56.4 प्रतिशत और 2019 में 48.8 प्रतिशत था. सर्वेक्षण केंद्रीय बजट की पूर्व संध्या पर आर्थिक चिंताओं को प्रदर्शित करता है. कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. इसी वजह से बेरोजगारी और घटती आय नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है.