देश में कोरोना के मामले अभी भी चिंताजनक हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के 3.33 लाख नए केस आए हैं. ये कल के मुकाबले 4,171 कम हैं. इस दौरान 525 लोगों की मौत हुई. हालांकि राहत की बात यह है कि देश के कई बड़े शहरों में कोरोना के मामले पीक पर पहुंच चुके हैं. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में अब मामले घट रहे हैं. इन बड़े शहरों में कोरोना के मामलों में गिरावट स्पष्ट दिख रही है.
पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद और बेंगलुरु में अभी भी कोरोना का कहर जारी है. उम्मीद है कि अगले 6..7 दिनों में इन शहरों में कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिलेगी. देश के बड़े शहरों में अब कोरोना के मामले घट रहे हैं लेकिन छोटे शहरों और गावों में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है.
मुंबई में कोरोना का पीक सबसे पहले दिखा यहां 12 जनवरी को तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंची. इसके बाद यहां कोरोना के मामलों में गिरावट आई. इसके बाद कोलकाता में 13 जनवरी को महामारी का पीक आया. इअसके बाद 15 जनवरी को दिल्ली में महामारी पीक पर पहुंची. चेन्नई में 19 जनवरी को पीक दर्ज किया गया.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना की तीसरी लहर दौरान बेंगलुरु सबसे ज्यादा प्रभावित शहर रहा है. इसने सर्वाधिक पीक दर्ज किया है. शहर ने 16 दिसंबर से अब तक 3 लाख मामले दर्ज किए हैं, जो केवल दिल्ली के कुल 3.4 लाख से थोड़े ही पीछे हैं. हालांकि अब यहां कुछ राहत मिलती दिख रही है.
बड़े शहरों से कोविड आंकड़ों से जो तस्वीर सामने आई है, उससे यह पता चलता है कि बड़े शहर अब देश के दैनिक संक्रमणों में कम योगदान दे रहे हैं. महामारी अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में फैलती दिख रही है.
कोरोना की वर्तमान लहर में बहुत सारे मामले एसिम्प्टोमेटिक रहे. अधिकांश मामलों में इसके बेहद हल्के लक्षण रहे. स्टडी के मुताबिक तीसरी लहर में जिन लोगों की महामारी से मौत हुई उनमें से अधिकांश या तो गंभीर बीमारियों के मरीज थे या उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक नहीं ली थी.