8th Pay Commission News: अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है, रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 33,000 रुपये प्रति माह तय कर सकता है. यह वर्तमान में मिल रहे 18,000 रुपये के न्यूनतम वेतन से 15,000 रुपये ज्यादा है. अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों की मासिक सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जिससे उन्हें बढ़ती महंगाई और दैनिक खर्चों को संभालने में आसानी होगी.
कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर?
रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग द्वारा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 1.83 तय किया जा सकता है. याद दिला दें कि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) ने फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा था, जिससे असली वेतन वृद्धि करीब 14.3% हुई थी. वहीं, 8वें वेतन आयोग में वास्तविक वेतन वृद्धि करीब 13% रहने का अनुमान है.
वेतन कैसे तय होता है?
वेतन आयोग जब भी वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश करता है, तो वह सिर्फ सरकारी आंकड़ों पर नहीं, बल्कि महंगाई, जरूरी घरेलू खर्च और आम आदमी की जीवनशैली की लागत को ध्यान में रखकर ही न्यूनतम वेतन तय करता है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में आम घरों के मासिक खर्च में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
उदाहरण के तौर पर, 2006 में चावल और गेहूं पर एक परिवार का औसतन खर्च 770 रुपये प्रति माह था, जो कि 2026 तक बढ़कर 1,829 रुपये हो सकता है. इसी तरह, दालों पर मासिक खर्च 288 रुपये से बढ़कर 1,057 रुपये तक जा सकता है. सब्जियों, फलों, दूध, तेल, चीनी, कपड़े, बिजली-पानी, ईंधन, और अन्य जरूरी चीजों की कीमतों में भी काफी इजाफा हुआ है.
इन सभी खर्चों को जोड़ने पर एक सामान्य परिवार का न्यूनतम घरेलू बजट 31,000 रुपये से 33,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच रहा है. इसलिए 8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 33,000 रुपये का न्यूनतम वेतन तय कर सकता है, ताकि वह मौजूदा महंगाई में अपनी मूल जरूरतों को बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकें.
क्या है मौजूदा स्थिति?
फिलहाल सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. न तो अभी तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हुई है, और न ही इसके लिए टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस (Terms of Reference) यानी काम करने की शर्तें तय की गई हैं. ऐसे में जब तक आयोग औपचारिक रूप से गठित नहीं होता, तब तक सिफारिशों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है. आमतौर पर, आयोग बनने के बाद उसे अपनी रिपोर्ट तैयार करने में करीब 12 से 18 महीने का समय लग जाता है. इसलिए 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में अभी समय लग सकता है.












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