
Flying Squirrel Spotted in Himachal: हिमाचल प्रदेश वन विभाग (HPFD) की वन्यजीव शाखा ने लाहौल और स्पीति जिले की मियार घाटी में फर से युक्त ‘उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी’ की तस्वीर जारी की है. वन विभाग के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि यह दुर्लभ तस्वीर 10 अक्टूबर से चार दिसंबर 2024 के बीच किए गए ‘कैमरा ट्रैपिंग’ सर्वेक्षण के दौरान सामने आई.
प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हिमालय में पाई जाने वाली उड़ने वाली गिलहरी (यूपेटॉरस सिनेरियस) को लंबे समय तक विलुप्त माना जाता था, लेकिन लगभग 70 वर्षों के अंतराल के बाद 1994 में इसे पुनः खोजा गया.
ये भी पढें: Kullu Landslide: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बड़ा हादसा! भूस्खलन से 6 की मौत, पांच घायल (Watch Video)
70 साल बाद फिर दिखी 'उड़ने वाली दुर्लभ गिलहरी'
Himachal Pradesh:लाहौल एवं स्पीति जिले की मियार घाटी में उड़ने वाली गिलहरी (यूपेटॉरस सिनेरेउस) मिली हैं. 70 साल बाद यह नजारा दिखा है.
Source: Forest Department. @World_Wildlife @NWF @WildlifeDay @NatGeoAnimals pic.twitter.com/pVl2WDmflf
— Vinod Katwal (@Katwal_Vinod) April 5, 2025
वन विभाग ने क्या बताया?
उन्होंने कहा कि इसकी उपस्थिति की पुष्टि राज्य की स्तनधारियों की सूची में एक उल्लेखनीय वृद्धि और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. प्रवक्ता ने बताया कि ‘कैमरा ट्रैपिंग’ सर्वेक्षण भारत में हिम तेंदुओं की संख्या आकलन (एसपीएआई) पहल का हिस्सा था.
मियार घाटी में 62 कैमरे लगाए गए थे
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में एसपीएआई प्रोटोकॉल का पालन किया गया और मियार घाटी में रणनीतिक स्थानों पर 62 कैमरे लगाए गए. यह व्यापक सर्वेक्षण वन विभाग की वन्यजीव इकाई द्वारा नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)