देश की बिजली उत्पादन और परमाणु ऊर्जा की क्षमता में हो रही है वृद्धि: केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
सरकार ने बिजली उत्पादन और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को चालू करने के लिए योजना बनाई है. बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि, वर्तमान में 22 रिएक्टर संचालित हैं, जिनकी कुल क्षमता 6,780 मेगावाट है.
सरकार ने बिजली उत्पादन और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को चालू करने के लिए योजना बनाई है. बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि, वर्तमान में 22 रिएक्टर संचालित हैं, जिनकी कुल क्षमता 6,780 मेगावाट है. इसके अलावा एक अन्य रिएक्टर, केएपीपी-3 (700 मेगावाट) को 10 जनवरी, 2021 को पावर ग्रिड से जोड़ा गया है. इसके अलावा, कुल 8000 मेगावाट के 10 रिएक्टर निर्माणाधीन हैं और जल्द ही इनको भी उपयोग में लाया जायेगा.
भारत की परमाणु क्षमता बढ़ जाएगी कई गुना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फ्लीट मोड में स्थापित किए जाने वाले 10 स्वदेशी 700 मेगावाट दबाव वाले भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) के निर्माण के लिए सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति और वित्तीय मंजूरी दे दी गई है. इन निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूरा होने पर, भारत की परमाणु क्षमता वर्ष 2031 तक 22480 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. इसके अलावा भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए देश में और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को भी चालू करने की योजना है.
परमाणु ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा शांतिपूर्ण कार्यों के लिए
पिछले वर्ष नई दिल्ली में 11वें परमाणु ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि होमी भाभा कहा करते थे कि भारत की परमाणु ऊर्जा शांतिपूर्ण कार्यो के लिए है. इसी से प्रेरणा लेकर सरकार विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा के अनुप्रयोगों में विविधता लेकर आई है. केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि सरकार ने देश में और विशेषकर परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये है. उन्होंने कहा कि पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र केवल दक्षिण भारत तक सीमित थे, लेकिन अब सरकार ने ऐसे संयंत्र देश के अन्य हिस्सों में भी लगाने शुरू कर दिये हैं. उन्होंने बताया था कि ऐसा ही एक परमाणु संयंत्र हरियाणा के गोरखपुर में लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग दोनों का मुख्यालय दिल्ली से बाहर है. ऐसे में छात्रों और आम जनता को परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘हॉल ऑफ न्यूक्लिर एनर्जी’ खोला गया था. अंतरिक्ष विभाग के लिए भी ऐसा ही एक हॉल खोले जाने की योजना है. यह भी पढ़ें : J-K: आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले निर्वाचित पार्षदों के परिजनों को मिलेगा 25 लाख मुआवजा
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उठाए हैं कई कदम
केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों के दौरान परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमने काफी कुछ हासिल कर लिया है. उन्होंने इस बारे में परमाणु ऊर्जा के लिए संयुक्त उपक्रम लगाने और परमाणु ऊर्जा के लिए बजट बढ़ाने जैसे सरकारी उपायों का जिक्र किया. उन्होंने बीमारियों और विशेषकर कैंसर के ईलाज में परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल पर प्रकाश डाला. उन्होंने इस संदर्भ में गुवाहाटी के डॉक्टर बी.बरूआ, कैंसर इंस्टीट्यूट का जिक्र करते हुए कहा कि इसे मुम्बई के टाटा मैमोरियल सेंटर फॉर कैंसर के साथ जोड़ा गया है. परमाणु ऊर्जा विभाग कई प्रमुख सरकारी योजनाओं को लागू करने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. परमाणु ऊर्जा को लेकर लोगों के मन मे पैदा भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत पर बल देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा एक बड़ा स्रोत है.